रांची: झारखंड में शराब और जमीन घोटाले से जुड़ी जांच के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे से संबंधित कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा किया है। एसीबी द्वारा अदालत में प्रस्तुत रिपोर्ट और जांच से जुड़े स्रोतों के मुताबिक, चौबे पर कथित रूप से शराब सिंडिकेट से पांच करोड़ रुपये प्राप्त करने का आरोप है।
नेक्सजेन संचालक के साथ गहरा तालमेल
एसीबी की जांच में सामने आया है कि कारोबारी विनय कुमार सिंह और आईएएस चौबे के बीच घनिष्ठ तालमेल था। पूछताछ में चौबे ने स्वीकार किया कि उनके पैसों से जुड़े अधिकांश लेन-देन नेक्सजेन सॉल्यूशन टेक्नोलॉजीज के संचालक विनय कुमार सिंह द्वारा किए जाते थे।
जांच के केस नंबर 9/2025 में यह भी सामने आया है कि चौबे को कथित रूप से पांच करोड़ का भुगतान किया गया था।
चौबे परिवार से जुड़ी कंपनियां जांच के दायरे में
एसीबी ने अदालत को बताया कि मेसर्स ब्रह्मास्त्र एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड भी जांच के घेरे में है। कंपनी के निदेशकों में चौबे के साले शिपिज त्रिपाठी और पत्नी स्वप्ना संचिता शामिल हैं। अप्रैल 2010 से जुलाई 2015 के बीच कंपनी के खातों में करीब 3.16 करोड़ रुपये नकद जमा हुए थे।
इसके अलावा, नेक्सजेन सॉल्यूशन टेक्नोलॉजीज ने चौबे की पत्नी के खाते में 72,97,500 रुपये ट्रांसफर किए। स्वप्ना संचिता ने पूछताछ में कहा कि यह राशि उनकी कंसल्टेंसी सेवाओं के बदले दी गई थी, लेकिन एसीबी ने इसे संदिग्ध मनी ट्रेल का हिस्सा बताया है।
ससुर के नाम पर खरीदी गई संपत्ति भी जांच में
शराब और जमीन घोटाले की समानांतर जांच में यह भी पाया गया कि चौबे के ससुर एसएन त्रिवेदी के नाम पर रांची के अशोक नगर में एक मकान खरीदा गया था। 28 जुलाई 2021 को एनआरआई अमिताभ नारायण से 20 डिसमिल जमीन खरीदी गई। इसके लिए कथित तौर पर करीब तीन करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। भुगतान चौबे और उनकी पत्नी के खातों से हुआ।
एसीबी अब चौबे और उनके परिजनों के विदेश दौरे व यात्रा खर्चों की भी जांच कर रही है और इसके लिए कई ट्रैवल एजेंटों से विवरण मांगा गया है।
डेटा डिलीट, दस्तावेज गायब : सबूत नष्ट करने का आरोप
एसीबी ने जांच में पाया कि विनय कुमार सिंह के शोरूम से जब्त कंप्यूटर व डिजिटल उपकरणों से बड़ी मात्रा में डेटा डिलीट किया गया है। इसके अलावा, सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह से जुड़े म्यूटेशन केस नं. 481/2010-11 के मूल दस्तावेज भी गायब हैं। इस संबंध में हजारीबाग सदर अंचलाधिकारी द्वारा सनहा दर्ज कराया गया है।
पूर्व अंचलाधिकारी का बयान
जमीन घोटाले की जांच के दौरान तत्कालीन अंचलाधिकारी अलका कुमारी के बयान ने मामला और गंभीर बना दिया है। उन्होंने बताया कि डीसी विनय चौबे ने उन्हें अपने चैंबर में बुलाकर एक व्यक्ति से मिलवाया, जिसे विनय कुमार सिंह बताया गया। अलका कुमारी के अनुसार, चौबे के अनुचित प्रभाव और दबाव में उन्हें सिंह और उनकी पत्नी के पक्ष में म्यूटेशन आदेश पारित करना पड़ा।
एसीबी की जांच जारी है और एजेंसी कई वित्तीय लेन-देन, संपत्ति खरीद, यात्रा विवरण और डिजिटल डाटा से जुड़े पहलुओं की पड़ताल कर रही है। आने वाले दिनों में इस केस में कई और महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।












