ख़बर को शेयर करें।

संवाददाता -भास्कर उपाध्याय

हजारीबाग :- भाद्र मास प्रारंभ हो गया है। यह हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वर्ष का छठा महीना और चतुर्मास का दूसरा महीना है। इसे भादो भी कहते है। आइए जानते हैं भाद्रपद मास के नियम और सावधानियां। इस माह में क्या करें और क्या नहीं करें? विवाह, गृह प्रवेश, सगाई जैसे शुभ कार्यों की शुरुआत करने से मना किया जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस माह में गलती से भी गुड़, दही और इससे बनी चीजों का सेवन न करें। वहीं, इस महीने दूसरों से उधारी न मांगे। साथ ही, दूसरों का दिया हुआ चावल भी इस माह में नहीं खाना चाहिए।

भादो माह में दान-पुण्य करना उत्तम होता है। इस माह में ग़रीबों को वस्त्र, भोजन आदि का दान करना चाहिए। पवित्र नदी या गंगा नदी में स्नान करना चाहिए उसके बाद ग़रीबों को यथा शक्ति दान देना चाहिए। वहीं दूसरी ओर इस माह मे खास त्योहार भी आता है।जैसे कि हरितालिका तीज, कृष्‍ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी, राधा अष्टमी और अनंत चतुर्दशी का त्योहार मनाते हैं। इसके बाद 15 दिन का पितृपक्ष प्रारंभ हो जाता है।

क्या न करें :

1. भाद्रपद में लहसुन, प्याज, शहद, गुड, दही-भात, मूली, बैंगन, कच्ची चीजें, मांस और मछली सहित किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।

2. शरीर की शुद्धि और पवित्रता के लिए एक वक्त का भोजन ही करना चाहिए।

3. असत्य वचन बोलना, कड़वे वचन कहना, विश्वासघात करना, ईष्या करान, क्रोध करना यह सभी त्याग देना चाहिए।

4. किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।

5. इस माह नारियल का तेल नहीं इस्तेमाल करना चाहिए। इससे संतान सुख में कमी आती है।

6. भाद्रपद के महीने में नशीले पदार्थों तंबाकू, गुटखा, सिगरेट व शराब आदि का सेवन करने से बचें।

क्या करें :

1. इस महा में भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण, गणेशजी, माता पार्वती और शिवजी का ध्यान करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

2. भादों के महीने मे आलस्य दूर करने के लिए इस महीने शीतल जल से स्नान करना चाहिए।

3. यथाशक्ति गरीबों को दान देना चाहिए।

4. श्रीकृष्ण को तुलसी दल अर्पित करना और इसे दूध में उबालकर पीना लाभदायक माना गया है।

5. इस माह में मक्खन खाने से उम्र बढ़ती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *