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संस्कार और शिक्षा के प्रतीक आचार्य कौशलेंद्र झा को सरस्वती विद्या मंदिर का भावभीना विदाई सम्मान

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शुभम जायसवाल

श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर में संस्कृत एवं विविध विषयों के विद्वान आचार्य कौशलेंद्र झा के सेवानिवृत्ति के उपलक्ष्य में स्नेह मिलन सह विदाई समारोह का भव्य आयोजन किया गया।समारोह की शुरुआत भारत माता, ओम एवं मां शारदे के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन से हुई। इस दौरान विद्यालय के अध्यक्ष जोखू प्रसाद, पूर्व संघचालक विद्या सागर, वर्तमान संघचालक काशी महतो, सचिव रवि प्रकाश, कोषाध्यक्ष राजकुमार प्रसाद, सह सचिव चंदन कुमार, अभिभावक प्रतिनिधि शशिकला, सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। आचार्य सुधीर प्रसाद श्रीवास्तव के द्वारा आगंतुक अतिथियों का परिचय कराया गया।

आचार्य कौशलेंद्र झा के योगदान को किया गया याद

समारोह में वक्ताओं ने आचार्य कौशलेंद्र झा के बहुमूल्य योगदान की सराहना की। मौके पर सेवानिवृत शिक्षक व समिति सदस्य अशोक कुमार सिंह ने कहा कि आचार्य कौशलेंद्र झा ने विद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिए अथक परिश्रम किया। वे  चहुँमुखी विकास के लिए दिन-रात समर्पित रहे। उनकी मेहनत, अनुशासन और छात्रों के प्रति उनके स्नेह को कभी भुलाया नहीं जा सकता। एक शिक्षक केवल पढ़ाने का कार्य नहीं करता, बल्कि वह समाज को दिशा देने का कार्य करता है। कौशलेंद्र जी ने भी यह सिद्ध कर दिया कि शिक्षक केवल पाठ्यक्रम ही नहीं सिखाते, बल्कि जीवन मूल्यों का भी बोध कराते हैं।

कोषाध्यक्ष राजकुमार प्रसाद ने कहा कि वे केवल विद्यालय तक सीमित नहीं थे, बल्कि समाज और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यों में भी उनकी अग्रणी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि हमारे मोहल्ले पूर्णानगर में रहकर कम समय में आसपास के लोगों के दिलों में राज किया।

सचिव रवि प्रकाश ने कहा कि संस्कृत, अंग्रेजी और कई विषयों में गहरी पकड़ रखते हैं। उनकी शिक्षा देने की शैली अनूठी रही है, जिससे विद्यार्थी विषय को आसानी से समझ पाते थे। उन्होंने शिक्षण के साथ-साथ विद्यालय को प्रशासनिक स्तर पर भी मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आचार्य प्रदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि यह विदाई नहीं, स्नेह मिलन है। हम आशान्वित हैं कि उनका मार्गदर्शन हमें मिलता रहेगा।

प्रधानाचार्य रविकांत पाठक ने कहा वे मेरे लिए पिता समान रहे हैं, उनके मार्गदर्शन ने हमें सदैव नई दिशा दी है।उन्होंने विद्यालय में अनुशासन, नैतिकता और संस्कारों की जो नींव रखी है, वह सदैव विद्यार्थियों को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। विद्यालय परिवार उनकी सेवाओं को कभी नहीं भुला पाएगा।

पूर्व छात्रों ने व्यक्त की कृतज्ञता

पूर्व छात्र राहुल चौबे ने अपनी सफलता का श्रेय विद्या मंदिर की शिक्षा को दिया और कहा मैं स्वयं को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे आचार्य कौशलेंद्र झा जी जैसे विद्वान गुरु का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। उन्होंने हमें केवल किताबों की शिक्षा नहीं दी, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाई। आज बिहार सरकार में शिक्षक के रूप में मेरा चयन हुआ है, यह विद्या मंदिर के संस्कारों का ही परिणाम है।

सम्मान एवं उपहारों की वर्षा

समारोह में आचार्य कौशलेंद्र झा को विभिन्न सम्मान और उपहार भेंट किए गए:

विद्यालय अध्यक्ष जोखू प्रसाद ने अंगवस्त्र एवं बाबा बंशीधर की फोटो भेंट की। सचिव रवि प्रकाश ने पंखा प्रदान किया। विद्यालय परिवार की ओर से वस्त्र, ट्रॉली बैग एवं कूलर भेंट किया गया। पूर्व छात्रों द्वारा वॉशिंग मशीन, मोबाइल फोन एवं अंगवस्त्र समर्पित किए गए। प्रधानाचार्य द्वारा सुमुद्रित अभिनंदन पत्र भेंट किया गया।अध्यक्ष एवं सचिव द्वारा विशेष मोमेंटो प्रदान कर उनका सम्मान किया गया।

समारोह में उमड़ी भीड़, भैया-बहनों में दिखा उत्साह

समारोह में शैलेश अग्रवाल, विनीत कुमार शरद,विक्की कुमार,प्रभु कुमार,रंजन कुमार, अतुल कुमार, हिमांशु तिवारी, रोहित पांडे,अमित रंजन, अभिषेक कुमार एवं आचार्य कृष्ण कुमार पांडे, नंदलाल पांडे, अविनाश कुमार,नीरज सिंह, सत्येंद्र प्रजापति, उमेश कुमार, प्रसून कुमार,सुजीत दुबे, रूपेश कुमार, कृष्ण मुरारी, अंकित जैन, दिनेश कुमार,अशोक कुमार, हिमांशु झा, नीति कुमारी, आरती श्रीवास्तव, रेनू पाठक, खुशबू सिंघल, सलोनी कुमारी, नेहा कुमारी,नेहा पांडे,तन्वी जोशी, पल्लवी कुमारी, अंशु कुमारी, रंजना सिंह, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी ललिता देवी, रेखा देवी, रीना कुमारी व सुरक्षा पहरी सुरेश कुमार सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के भैया बहनों एवं सभी को मिष्ठान्न वितरण किया गया।मंच का संचालन आचार्य सुधीर प्रसाद श्रीवास्तव ने किया।

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