मुंबई: देश के मशहूर ऐड गुरु पीयूष पांडे का 70 साल की उम्र में निधन हो गया, मुंबई में उन्होंने अंतिम सांस ली। विज्ञापन की दुनिया में उन्होंने जो योगदान दिया, उसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने अपने क्रिएटिव आइडियाज और लोकभावना से जुड़े कॉन्सेप्ट्स के जरिए भारतीय विज्ञापन जगत को नई दिशा दी।
पीयूष पांडे ने एशियन पेंट्स के लिए मशहूर कैंपेन स्लोगन “हर खुशी में रंग लाए” तैयार किया था, जो हर घर में गूंजा। वहीं कैडबरी का दिल को छू लेने वाला ऐड “कुछ खास है ज़िंदगी में” भी उनकी ही सोच का नतीजा था। उनके बनाए विज्ञापनों ने न सिर्फ ब्रांड्स को लोकप्रिय बनाया, बल्कि लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी।
उन्होंने प्रसिद्ध गीत “मिले सुर मेरा तुम्हारा” की रचना में भी अहम भूमिका निभाई थी। यह गीत भारत की एकता और विविधता का प्रतीक बन गया और लंबे समय तक दूरदर्शन का पहचान गीत रहा। इंटरनेट युग में भी लोग इसे सुनना और साझा करना पसंद करते रहे।
पीयूष पांडे ने फेविकोल, हच (वोडाफोन), एशियन पेंट्स, कैडबरी जैसी दिग्गज कंपनियों के लिए कई यादगार ऐड कैंपेन तैयार किए। उनके आइडियाज ने विज्ञापनों को सिर्फ उत्पाद बेचने का माध्यम नहीं, बल्कि कहानी कहने का सशक्त जरिया बना दिया।
राजनीतिक स्तर पर भी उनका योगदान अहम रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल के प्रचार अभियान का नारा “अबकी बार, मोदी सरकार” भी पीयूष पांडे की ही रचना थी, जो बेहद चर्चित हुआ।
करीब चार दशकों तक ओगिल्वी इंडिया से जुड़े रहने वाले पांडे ने इस कंपनी को भारत में विज्ञापन की दुनिया का पर्याय बना दिया। उनकी सोच, भारतीय समाज की भाषा और संस्कृति की गहरी समझ ने ओगिल्वी को एक नए मुकाम पर पहुंचाया।
कम लोग जानते हैं कि पीयूष पांडे पहले एक क्रिकेटर रहे थे। इसके बाद उन्होंने चाय बागान और निर्माण क्षेत्र में काम किया। साल 1982 में उन्होंने ओगिल्वी जॉइन की थी, जब वह 27 साल के थे। अंग्रेज़ी प्रभाव वाले विज्ञापन उद्योग में उन्होंने देसी संवेदनाओं की बयार बहाई और विज्ञापन को आम जनता की भाषा में उतारा।
उनकी मूंछें, मुस्कान और सादगीभरा व्यक्तित्व हमेशा याद किया जाएगा। पीयूष पांडे के निधन के साथ ही भारतीय विज्ञापन जगत का एक सुनहरा अध्याय समाप्त हो गया है, पर उनकी रचनाएं, उनके शब्द और उनके आइडियाज हमेशा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
उनके योगदान को अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें पद्मश्री (2016), क्लियो लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2012), एडवर्टाइजिंग एजेंसिज़ एसोसिएशन ऑफ इंडिया लाइफटाइम अचीवमेंट (2010), एलआईए लीजेंड अवार्ड (2024) जैसे अवॉर्ड्स मिले हैं।














