नई दिल्ली: भूटान से लौटने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को सीधे दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके में घायल लोगों से मुलाकात की। पीएम मोदी ने प्रत्येक घायल का हालचाल जाना और उनके उपचार की पूरी जानकारी डॉक्टरों से ली।

पीएम मोदी से बातचीत के दौरान कई घायलों ने विस्फोट के समय की भयावह स्थिति बताई। प्रधानमंत्री ने उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि “देश के दुश्मन जो भी हों, उन्हें किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा। निर्दोष नागरिकों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।”
भूटान में अपने संबोधन के दौरान भी पीएम मोदी ने कहा था कि भारत किसी भी साजिश या आतंकवादी मंसूबे के सामने झुकेगा नहीं।

इस बीच, दिल्ली ब्लास्ट को लेकर आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक होने वाली है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, एनएसए अजीत डोभाल, दिल्ली पुलिस और एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) की धारा 16 और 18, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया है। फिलहाल, जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है।
ब्लास्ट में मारे गए लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई शवों के कान के पर्दे, फेफड़े और आंतें फट गईं, साथ ही हड्डियों के टूटने और सिर पर गहरे घाव पाए गए हैं। मौत का कारण अत्यधिक खून बहना और गहरी चोटें बताई गई हैं।
घटना के बाद दिल्ली पुलिस और एनआईए की कई टीमें मिलकर पूरे इलाके की फोरेंसिक और तकनीकी जांच में जुटी हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और संदिग्धों की पहचान के लिए चेहरा पहचान तकनीक (Face Recognition System) का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, शुरुआती जांच में यह सुनियोजित आतंकी हमला होने की आशंका जताई जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां इस हमले के पीछे किसी संगठित मॉड्यूल के सक्रिय होने की संभावना पर काम कर रही हैं।













