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लातेहार: बारिश के बाद झारखंड के सबसे ऊंचे जलप्रपात लोध फॉल का दिखने लगा रौद्र रूप

On: July 4, 2024 3:26 AM
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लातेहार: महुआडांड़ में स्थित झारखंड का सबसे उंचा जलप्रपात लोध फॉल मानसून की पहली बारिश के बाद अपने रौद्र रूप में नज़र आने लगा है। जहां 143 मीटर उपर से गिरते जलप्रपात की धारा का रौद्र रूप रोमांचित और डरावना लग रहा है। लोध जलप्रपात पूरे साल अपने अंदर प्रकृति का सौंदर्य समेटे जंगल के बीच से जब झरने के रूप में चट्टान से लगकर नीचे गिरता है तो नजारा मनोरम होता है।

सुरक्षा के इंतजाम

सुरक्षा को लेकर वन विभाग और पर्यटन विभाग के द्वारा व्यापक इंतजाम कर रखा है। इको विकास समिति टीम द्वारा सुरक्षा की पूरी कमान संभाली जाती है। तैराक टीम तैनात होते है, जो किसी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहते है। इको विकास समिति के अध्यक्ष सुनील नगेसिया ने बताया कि लोध फॉल सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक खुला होता है, जबकि शाम 5 बजे से बंद कर दिया जाता है।

कैसे पहुंचे?

रांची-नेतरहाट होते हुए एवं लातेहार से महुआडांड़ सड़क मार्ग के जरिए लोध फॉल पहुंच सकते है। महुआडांड़ से लोध फॉल तक बेहतरीन सड़क बनाये गए है। रांची से इसकी दूरी लगभग 217 किमी, घाघरा- बनारी के रास्ते से महुआडांड़ होते हुए पहुंचा जा सकता है। मेदिनीनगर-लातेहार से 117 किमी महुआडांड़ रास्ते पहुंच सकते है। लोध फॉल के अलावा प्रखंड में अन्य पहाड़ी झरना की खूबसूरती भी बारिश के बाद लोगों को लुभाने लगती है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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