रांची: आजसू पार्टी के सातवें केंद्रीय महाधिवेशन का आयोजन रांची के मोरहाबादी मैदान में होगा। यह महाधिवेशन 29, 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगा। महाधिवेशन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आयोजन स्थल का नाम धरती आबा बिरसा मुंडा परिसर रखा गया है। जबकि सभी कार्यक्रम झारखंड आंदोलन के प्रणेता, लड़ो और पढ़ो का नारा देने वाले विनोद बिहारी महतो सभागार में होगा।
राज्य की दिशा तय करेगा नवनिर्माण का संकल्प समागम: सुदेश महतो
पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने आज सभी तैयारियों की समीक्षा करते हुए महाधिवेशन की सफलता के लिए कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी निभाने का निर्देश दिया।
झारखण्ड की चुनौतियों एवं मुद्दों पर होगा विचार मंथन, कई विशेषज्ञ लेंगे भाग
केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश ने कहा कि आजसू का महाधिवेशन झारखंड नवनिर्माण का संकल्प समागम होगा। इसलिए महाअधिवेशन को पूरे राज्य का अधिवेशन बनाने का निर्णय लिया गया है। इसका उद्देश्य राज्य के निर्माण में योगदान देने वाले आंदोलनकारियों का सम्मान करना और अलग-अलग क्षेत्रों से आने वाले विशेषज्ञों के विचारों को एकत्रित कर उनकी रायशुमारी के आधार पर एक बेहतर झारखंड के लिए ब्लू प्रिंट भी तैयार करना है।
महाधिवेशन के उद्घाटन सत्र में झारखंड आंदोलनकारियों का भी सम्मान
महाधिवेशन के पहले दिन उद्घाटन सत्र में केंद्रीय अध्यक्ष का संबोधन होगा। इसी सत्र में झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मानित किया जाएगा। इसी दिन पार्टी का प्रतिवेदन पेश किया जाएगा। साथ ही पार्टी के संविधान संशोधन का भी प्रस्ताव पेश किया जाएगा इसके साथ ही झारखंड आंदोलन, राज्य की चुनौतियां, सामाजिक न्याय, राजनीतिक भागीदारी जैसे अहम विषयों पर अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञ परिचर्चा में अपनी बात रखेंगे।
30 सितंबर को भी मैराथन मंथन
30 सितंबर को भी झारखण्ड की चुनौतियों एवं ज्वलंत मुद्दों पर परिचर्चा की जाएगी। इस परिचर्चा में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद एवं विशेषज्ञ शामिल होंगे। पार्टी की यह समझ है कि उनके विचारों को संग्रहित कर विभिन्न पटल पर रखा जा सके, जिससे झारखंड के नवनिर्माण की रूप रेखा तय हो। कार्यक्रम में विभिन्न आईआईटी, आईआईएम, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के प्रोफेसर के अलावा व्यवसायी वर्ग के लोग भी जुड़ेंगे। जाहिर है यह महाधिवेशन झारखंड के नवनिर्माण की दिशा में आने वाली चुनौतियों पर विमर्श और समाधान के लिए महवत्पूर्ण साबित होगा।
एक सितंबर को राजनीतिक प्रस्ताव एवं जनसभा
महाधिवेशन के आखिरी दिन, 1 सितंबर को राजनीतिक प्रस्ताव पेश करने के साथ पार्टी के बाहर भाग्य कार्यक्रम तय किए जाएंगे साथी संगठन एक चुनाव और राजनीतिक संकल्प की घोषणा होगी। इसी दिन जनसभा का आयोजन होगा, जिसमें राज्य के सभी 32 हजार गांवों का प्रतिनिधित्व होगा। इस जनसभा में काम से कम 1 लाख लोगों की भागीदारी होगी।
29-30 सितंबर को जिन महत्वपूर्ण विषयों पर परिचर्चा की जाएगी, वे निम्नलिखित हैं: