ख़बर को शेयर करें।

वाशिंगटन: अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अमेरिका ने अब चीन पर 100% और टैरिफ लगा दिया है। इसके साथ अमेरिका इंपोर्ट होने वाले चीनी सामान पर कुल टैरिफ 245% हो गया है।

2 अप्रैल को जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन के ऊपर 34 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था तो इसके विरोध में चीन ने भी अमेरिका के ऊपर उतना ही टैरिफ लगा दिया। जिसे बढ़ाकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले 84 प्रतिशत और फिर 125 प्रतिशत किया। अमेरिका के 125 फीसदी टैरिफ का जवाब जब चीन ने दिया तो, राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर चीन के ऊपर टैरिफ को बढ़ाकर 245 प्रतिशत कर दिया। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप ने चीन पर बढ़ाए टैरिफ पर मंगलवार देर रात फैसला लिया। इसके बाद अब चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार और तेज होने की उम्मीद की जा रही है।

अमेरिका की तरफ से नए टैरिफ के ऐलान के बाद चीन ने कहा कि हम अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर करने से नहीं डरते। चीन ने दोबारा कहा कि अमेरिका को बातचीत करनी चाहिए। इससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि चीन को बातचीत की शुरुआत करनी होगी।

टैरिफ वार की तपिश अब कंपनियों पर भी दिखने लगी है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपनी एयरलाइन कंपनियों को अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग से नए विमानों की डिलीवरी लेने से मना कर दिया है। इसके साथ ही बीजिंग ने अमेरिका में बनने वाले एयरक्राफ्ट पार्ट्स और डिवाइसेस की खरीद पर भी रोक लगा दी है। यह फैसला अमेरिका द्वारा 145% टैरिफ लगाने के जवाब में लिया गया था। ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं। इस फैसले से दुनियाभर में मोटरव्हीकल, एयरक्राफ्ट, सेमीकंडक्टर और हथियार बनाने वाली कंपनियों पर असर पड़ेगा। ये महंगे हो जाएंगे। चीन ने इस ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात पर भी रोक लगा दी है। चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *