Monday, July 28, 2025

नहाय खाय के साथ छठ महापर्व शुरू

ख़बर को शेयर करें।

पूजा सामग्री व फलों की खरीदारी के लिए बाजारों में उमड़ी भीड़

नहाय खाए के साथ छठ महापर्व शुरू हो गया। पूरे जिले में छठ को लेकर जिला प्रशासन एवं छठ व्रतियों द्वारा सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिले के विभिन्न जगहों पर स्थित छठ घाटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है तथा बिजली एवं अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई है। भगवान भाष्कर व छठी मईया की पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। सूर्य उपासना के इस पर्व की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसमें व्रतियों द्वारा साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। व्रती घर की अच्छे से साफ सफाई करने के पश्चात मिट्टी के बने चूल्हे में आम की लकड़ियों को जलाकर प्रसाद बनाते हैं तथा नए एवं साफ-सुथरे बर्तनों का प्रयोग करते हैं। छठ पर्व में सूर्य के उगते हुए एवं ढलते हुए दोनों रूपों की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है। प्रात:काल सूर्य की पहली किरण और सायंकाल में सूर्य की अंतिम किरण को अर्घ्य देकर दोनों का नमन किया जाता है। सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे छठ कहा जाता है। संतान सुख एवं सुख-स्मृद्धि के मनोकामनाओं की पूर्ति का यह त्यौहार सभी वर्ग के लोग अपनी क्षमता अनुसार समान रूप से मनाते हैं। मान्यताओं के अनुसार छठ देवी को भगवान भास्कर की बहन माना जाता है।जिन्हें प्रसन्न करने एवं मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सूर्य की आराधना की जाती है। चार दिनों तक चलने वाले इस कठिन पर्व का आरंभ कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होता है तथा समापन कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होती है। इस दौरान व्रती अन्न व जल का त्याग रखते हैं। छठ महापर्व की महत्ता को देखते हुए कोडरमा, झारखंड बिहार एवं उत्तर प्रदेश के साथ ही देश की विभिन्न जगहों पर श्रद्धा के साथ मनाया जाने लगा है। पूजा के लिए लोग झुमरीतिलैया, कोडरमा बाजार, डोमचांच आदि जगहों के बाजारों में जमकर खरीदारी करते है। खासकर तौर पर फल, गन्ना, डाली, सूप आदि की खरीदारी की. नहाए-खाए के साथ दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पंचमी को व्रतियों द्वारा खरना किया जाता है तथा पंचमी को दिनभर खरना का व्रत रखने वाले व्रती शाम के समय गुड़ से बने खीर, रोटी एवं फलों का सेवन प्रसाद रूप में करते हैं। जिसके बाद षष्ठी के दिन घर के समीप नदी, तालाब, पोखर आदि के किनारे पर एकत्रित होकर अस्ताचलगामी एवं दूसरे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त किया जाता है। तकरीबन 36 घंटे के इस निर्जला व्रत में व्रत समाप्त होने के बाद ही व्रती अन्न एवं जल ग्रहण करते है।छठ पर्व से सूर्य व ब्रह्मा दोनों की उपासना का फल एक साथ प्राप्त होता है। देश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले लोग छठ के दौरान खासतौर से अपने गांव एवं घर लौटते हैं तथा धूमधाम से छठ पर्व को मनाते हैं। छठ पर्व की महत्ता इसी बात से समझी जा सकती है कि असमर्थ परिवार के लोग भी भीख मांग कर छठ का व्रत करते हैं। वहीं कई सामाजिक संगठनों एवं आम लोगों द्वारा भी छठ व्रत करने वाले लोगों में फलों एवं अन्य पूजा सामग्रियों का वितरण किया जाता है।

Video thumbnail
गढ़वा में भी खुलेगा अत्याधुनिक सिनेमा हॉल, 'छोटू महाराज सिनेमा हॉल' का एक अगस्त को होगा उद्घाटन
01:37
Video thumbnail
आपातकालीन स्थिति में किया रक्त दान
01:08
Video thumbnail
कांके विधायक सुरेश बैठा को मिली बड़ी जिम्मेवारी, अखिल भारतीय धोबी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बने
04:46
Video thumbnail
खरकाई/स्वर्णरेखा रौद्र रूप में,बागबेड़ा में 500 घर जलमग्न,एनडीआरएफ राहत बचाव में जुटी,ऐतिहासिक बाढ़
02:49
Video thumbnail
भाजयुमो ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंका
01:08
Video thumbnail
सड़क पर जलजमाव से नाराज़ ग्रामीणों ने की धान रोपाई
01:10
Video thumbnail
अटल मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा नाम रखने पर पर भाजपाइयों ने किया , कड़ा विरोध
06:36
Video thumbnail
कांग्रेस भवन में नए पदाधिकारियों का स्वागत समारोह
04:41
Video thumbnail
चिनिया रोड स्थित डिज्नीलैंड मेले का भव्य शुभारंभ, एक माह तक चलेगा रंगारंग आयोजन
02:14
Video thumbnail
जमीन कब्जाने के खिलाफ पुलिस प्रशासन नेता किसी ने न ली सुध,पहुंचे कांग्रेसी चंदन के पास देखें वो क्या
03:28
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Related Articles

- Advertisement -

Latest Articles