इस्लामाबाद: बलूचिस्तान के तुरबत में शुक्रवार रात अज्ञात हमलावरों ने मुफ्ती शाह मीर को गोली मारकर हत्या कर दी। मीर पर आरोप था कि उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की मदद से भारतीय व्यवसायी और पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव का ईरान से अपहरण कराया था। धार्मिक नेता होने की आड़ में मानव तस्करी से आतंकी गतिविधियों में शामिल मुफ्ती शाह मीर को उस समय गोली मारी गई जब वह शुक्रवार, 7 मार्च की रात नमाज के बाद स्थानीय मस्जिद से बाहर निकल रहा था। बाइक सवार हमलावरों ने शाह मीर पर घात लगाकर हमला किया। उसे बेहद नजदीक से गोली मारी गई।
डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मीर को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। हथियारों का तस्कर मीर एक मुफ्ती की आड़ में काम करता था और वह इस्लामी कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम का सदस्य था।
मार्च 2016 में कुलभूषण जाधव को जैश अल-अद्ल के मुल्ला उमर इरानी के नेतृत्व में एक समूह ने ईरान-पाकिस्तान सीमा से अपहरण किया और मीर सहित कई बिचौलियों के माध्यम से पाकिस्तानी सेना के हवाले कर दिया। नवंबर 2020 में इरानी और उसके दो बेटों की भी उसी इलाके तुरबत में हत्या कर दी गई थी, जिसे ISI से जोड़कर देखा गया। मीर की हत्या को ISI ऑपरेटरों की आंतरिक संघर्ष का हिस्सा माना जा रहा है। पिछले सप्ताह जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के दो अन्य नेताओं वडेरा गुलाम सरवर और मौलवी अमानुल्लाह को बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मीर पर आरोप था कि वह पाकिस्तानी सेना को बलूच लड़ाकों के बारे में खुफिया जानकारी मुहैया करवा रहा था। 2023 में एक शिक्षक अब्दुल रऊफ की हत्या भी मीर के आदेश पर की गई थी।