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रांची : झारखंड के एक और मंत्री सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। यह मंत्री है इंडी एलाइंस के झारखंड सरकार के प्रमुख घटक दल कांग्रेस के मंत्री आलमगीर आलम। जिन्हें पिछले 15 में को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। उन्हें कथित टेंडर कमीशन घोटाले में गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट से रिमांड पर लिया था। जिनकी डिमांड की अवधि गुरुवार को समाप्त हो गई थी इसके बाद ईडी ने उन्हें पीएमएलए कोर्ट में पेश किया।जहां प्रर्वतन निदेशालय ने अदालत से मंत्री आलमगीर को बिरसा मुंडा जेल भेजने की अनुमति मांगी।जिसकी इजाजत कोर्ट ने इजाजत दी। उसके बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच होटवार जेल भेज दिया गया। बता दे कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कथित जमीन घोटाले के मामले में मनी लांड्रिंग के आरोपों में जेल में बंद हैं।

गौरतलब है कि ईडी ने टेंडर कमीशन मामले में 15 मई की शाम मंत्री आलमगीर आलम को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।इस दौरान ईडी की पूछताछ में वे कई सवालों के जवाब नहीं दे पाये थे. इससे पहले ईडी ने इस मामले में आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके सहायक के ठिकानों पर छापेमारी की थी. जहां से उन्हें भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ था. साथ ही ईडी को इससे जुड़ी एक डायरी भी बरामद हुई थी. जिसमें कई बातों का खुलासा हुआ था.सनद रहे कि कुछ दिनों पहले ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मंनीष रंजन से भी पूछताछ की थी. जहां उन्होंने जांच अधिकारियों के सामने खुद को निर्दोष बताया था।हालांकि वह भी कई सवालों के जवाब नहीं दे पाये थे. हालांकि ईडी ने उन्हें फिर से 3 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है. उन्हें अपने चल-अचल संपत्ति के साथ उपस्थित होने को कहा गया. बता दें कि टेंडर कमीशन घोटला मामले में ईडी ने सबसे पहले ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के ठिकानों पर बीते साल छापेमारी की थी. फिलहाल वह जेल में है.