गढ़वा: कांडी प्रखंड के बलियारी गांव में 35 वर्ष बाद श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। महायज्ञ को लेकर ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है। यज्ञशाला और कुटिया निर्माण के लिए ग्रामीण पंसा (पलामू) स्थित कोयल और सोन नदी से काशी काटने में जुटे हुए हैं।

महायज्ञ की तिथि अभी निर्धारित नहीं की गई है। आगामी 5 नवंबर को महात्मा जी के बलियारी आगमन के बाद स्वामी जी के श्रीमुख से अनुकूल तिथि की घोषणा की जाएगी।
महायज्ञ को सफल बनाने के लिए यज्ञ कमेटी का गठन कर लिया गया है। करीब 50 से अधिक ग्रामीण श्रमदान के माध्यम से यज्ञशाला और कुटिया निर्माण कार्य में लगे हैं। पंसा से ट्रैक्टरों के जरिए काशी की ढुलाई लगातार की जा रही है।
यज्ञ समिति के संरक्षक नरेंद्र नाथ दुबे, शंभु दुबे और जामुन साह हैं। इनके साथ प्रसाद राम, योगेंद्र दुबे, सुजीत दुबे, भुनेश्वर दुबे, चन्नु बैठा, बलराम दुबे, शिवनारायण दुबे, घनश्याम दुबे, गुलाबचंद्र शाह, भरत दुबे, बीरेंद्र दुबे (इयार), शंकर दुबे, विनोद दुबे, गोपाल यादव, बचरा राम, सहाबुदीन बैठा, शिवकुमार दुबे, नीलमणि मिश्रा, सुनील चंद्रवंशी, चंदन दुबे, लक्ष्मण दुबे, सुदीप राम, बिगन साह, लल्लु विश्वकर्मा, सूर्यदेव पासवान, रामेश्वर साह, बिजेंद्र दुबे, शैलेश, राजन और प्रकाश दुबे सहित कई ग्रामीण सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
ग्रामीणों द्वारा महायज्ञ को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु इस धार्मिक आयोजन में शामिल हो सकें।














