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असम में बहुविवाह पर प्रतिबंध, विधानसभा से बिल पारित, सीएम हिमंत बोले- UCC भी लागू करेंगे

On: November 27, 2025 7:15 PM
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Assam Government Ban Polygamy: असम विधानसभा ने गुरुवार को बहुविवाह पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने वाले ‘असम प्रोहिबिशन ऑफ पॉलीगैमी बिल, 2025’ को पारित कर दिया। राज्य में इसे एक ऐतिहासिक और बड़े सामाजिक सुधार के रूप में देखा जा रहा है। इस कानून के तहत यदि कोई व्यक्ति मौजूदा शादी के रहते दूसरी शादी करता है, तो उसे 7 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है, जबकि शादी छिपाकर दूसरा विवाह करने वाले दोषियों को 10 साल तक कारावास का प्रावधान किया गया है। साथ ही पीड़ित को 1.40 लाख रुपये मुआवजा देने का भी नियम शामिल किया गया है।

क्या है बहुविवाह की कानूनी परिभाषा?

नए विधेयक में ‘बहुविवाह’ को इस रूप में परिभाषित किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति का पहले से विवाह हो, उसका जीवनसाथी जीवित हो, तलाक कानूनी रूप से नहीं हुआ हो अथवा विवाह शून्य/रद्द घोषित नहीं हुआ हो तो ऐसी स्थिति में दूसरी शादी करना दंडनीय अपराध माना जाएगा।

सात से दस साल तक की सजा

विधेयक के अनुसार

सामान्य बहुविवाह करने पर: 7 साल तक कारावास + जुर्माना

पहली शादी छिपाकर दूसरी शादी करने पर: 10 साल तक कारावास + जुर्माना

पीड़ित पक्ष को: 1.40 लाख रुपये मुआवजा


यह प्रावधान राज्य में चल रहे बहुविवाह और बहुपत्नी विवाह की सामाजिक प्रथाओं को खत्म करने की दिशा में कड़ा कदम माना जा रहा है।

किन्हें इस कानून से छूट?

बिल के प्रावधान छठी अनुसूची क्षेत्रों और निर्दिष्ट अनुसूचित जनजातियों पर लागू नहीं होंगे। इन समुदायों को परंपरागत कानूनों और रीति-रिवाजों के कारण छूट प्रदान की गई है।

विधानसभा में लंबी चर्चा के बाद बिल पारित

विधानसभा में बिल पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसके बाद इसे बहुमत से पारित किया गया। चर्चा के दौरान विपक्ष ने कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाए, लेकिन सरकार ने इसे सामाजिक सुधार और महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए आवश्यक बताया।

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा बोले- UCC की दिशा में पहला कदम

विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “असम में बहुविवाह विरोधी कानून UCC लागू करने की दिशा में पहला और निर्णायक कदम है। यदि हम अगले साल फिर से सत्ता में आते हैं, तो पहला सत्र लगते ही हम पूरे राज्य में यूसीसी बिल लाएंगे।”

उन्होंने उत्तराखंड में लागू हुए UCC कानून का उदाहरण देते हुए कहा कि असम भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।

अगला कदम असम में UCC

सीएम के बयान के बाद माना जा रहा है कि बहुविवाह पर प्रतिबंध के बाद राज्य सरकार अब यूनिफॉर्म सिविल कोड के व्यापक मसौदे पर काम तेज करेगी।
UCC लागू होने पर समान विवाह कानून, तलाक, भरण–पोषण, वारिस, संपत्ति कानूनों में एकरूपता, धर्म आधारित पर्सनल लॉ समाप्त होने जैसी बड़े स्तर की कानूनी परिवर्तन दिखाई दे सकते हैं।

क्यों महत्वपूर्ण है यह बिल?

महिलाओं के अधिकारों की रक्षा

शोषण और धोखाधड़ी वाली शादियों पर रोक

बहुविवाह की बढ़ती प्रवृत्ति को नियंत्रण

समान व्यक्तिगत कानून की दिशा में कानूनी आधार

असम सरकार ने इसे महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुधार के लिए गेम चेंजर कदम बताया है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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