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हिमाचल प्रदेश: होली खेल रहे कांग्रेस नेता और बॉडीगार्ड पर हमला,12 राउंड फायरिंग, सीसीटीवी में कैद

On: March 14, 2025 12:43 PM
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हिमाचल प्रदेश; बिलासपुर के पूर्व कांग्रेस विधायक बंबर ठाकुर और उनके पीएसओ पर तकरीबन 12 राउंड फायरिंग किए जाने की खबर आ रही है। इस गोलीबारी में बंबर ठाकुर को एक गोली और उनके बॉडीगार्ड को तीन गोली लगी है। घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। पुलिस नाकाबंदी कर अपराधियों को पकड़ने में लग गई है।

बताया जा रहा है कि 4 अपराधियों ने उस वक्त फायरिंग कि जब बंबर ठाकुर पत्नी को चंद्र सेक्टर में मिले सरकारी आवास में समर्थकों के साथ होली खेल रहे थे। इस दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने उन पर 10 से 12 राउंड फायर कर दिए। इसके बाद प्राथमिक उपचार के लिए दोनों को बिलासपुर अस्पताल लाया गया, लेकिन यहां से उन्हें अलग-अलग अस्पताल में रेफर किया गया। बंबर ठाकुर को IGMC शिमला तो पीएसओ को बिलासपुर एम्स में रेफर किया गया है।

पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी गई है। पुलिस ने जल्द आरोपियों को पकड़ने का दावा किया है।

बता दें कि बंबर ठाकुर पर एक साल पहले भी हमला हुआ था। तब उनका एक दांत टूटा था। हालांकि बाद में मुख्य आरोपी को गोलियां मारी गई थीं।

बंबर के बेटे ईशान सिंह ने सोशल मीडिया (फेसबुक) पर पिता को गोलियां मारने की पोस्ट डाली। उन्होंने लिखा- पिता को गोली मार दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक SP संदीप धवल ने कहा कि बंबर ठाकुर के थाई में गोली लगी है, जबकि पीएसओ के पांव, पीठ और थाई में लगी है। गोली लगी या छर्रे लगे ये डॉक्टरों की रिपोर्ट से क्लियर होगा। उन्होंने बताया कि गोलियां चलाने वालों की जल्द पहचान और गिरफ्तारी होगी।बंबर पर पहले भी हुआ था हमला बंबर ठाकुर पर पहले भी एक बार हमला हो चुका है। 23 फरवरी 2024 को रेल लाइन निर्माण कंपनी के कार्यालय के बाहर हमले में उनका एक दांत टूट गया था। तब 11 आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद हमले के मुख्य आरोपी पर बिलासपुर कोर्ट परिसर के बाहर 20 जून 2024 को गोलियां चलाई गई। इस मामले में बंबर के बेटे समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

2012 में बिलासपुर से विधायक बने थे बंबर ठाकुर 2012 में बिलासपुर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे। साल 2017 में वह सुभाष ठाकुर और 2022 में त्रिलोक जम्वाल से चुनाव हार गए थे। बंबर ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाते थे।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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