औरंगजेब विवाद हिंसक संघर्ष,पथराव,आगजनी,डीसीपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल,10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू

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सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि उपद्रवियों को छोड़ेंगे नहीं

नागपुर: औरंगजेब की कब्र को लेकर शुरू हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया है। सोमवार की रात्रि महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में पथराव आगजनी तोड़फोड़ की खबर है। दास थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस उपद्रवियों को गिरफ्तार करने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुट गई है। सोशल मीडिया पर फैले अफवाहों की जांच की जा रही है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि दोषियों को छोड़ेंगे नहीं अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील की है। पुलिस को सख्ती बरतने का निर्देश दिया है। लोगों से शांत रहने की अपील की है। उपद्रव के मामले में अब तक 65 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है कई हिरासत में है। धारा 163 लगा दी गई है। पुलिस कमिश्नर के मुताबिक फिलहाल स्थिति नियंत्रित है।

बताया जाता है कि पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं और लाठी चार्ज भी की है।

बताया जा रहा है कि भारी संख्या में भीड़ कुल्हाड़ी और अन्य सामान लेकर आए और भारी तोड़फोड़ की है जेसीबी को फूंक दिया गया है कई गाड़ियों को निशाना बनाया गया है कई गाड़ियों में आगजनी की गई है। आरोप है कि हिंदू मोहल्ला को टारगेट किया गया है। उनके वाहनों को तोड़ा गया है उनके घरों पर पथराव किया गया है।

बताया जा रहा है कि शहर के महाल इलाके में हुई, जहां दो गुटों के बीच तनाव बढ़ने के बाद पत्थरबाजी, वाहनों में आगजनी और पुलिस पर हमले की घटनाएं सामने आईं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इस हिंसा में कम से कम 11 लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। भारी बवाल को देखते हुए नागपुर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।

औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद के बीच महाराष्ट्र के नागपुर के महाल इलाके में देर रात दो पक्षों में हिंसक झड़प हो गई. देखते ही देखते उपद्रवियों ने जमकर पथराव किया और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को आंसू गैस के गोले चलाने पड़े. वहीं भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने मौके पर लाठीचार्ज किया. आरोप है कि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के प्रदर्शन के दौरान दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने पथराव कर दिया, जिसके बाद वहां हिंसा भड़क गई.बीते कुछ दिनों से हिंदुत्वादी संगठनों की तरफ से छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) में स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग तेज हो गई है. सोमवार सुबह विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शिवाजी पुतले के पास प्रदर्शन किया था. इसी बीच शाम होते-होते ऐसी अफवाह फैली कि मुस्लिम समुदाय के पवित्र ग्रंथ को जलाया गया है, जिससे पूरा इलाका सुलग उठा.

नागपुर हिंसा से जुड़े 10 बड़े अपडेट्स…

स्थानीय लोगों के अनुसार, लगभग 200 से 300 लोगों की भीड़ अचानक आई और उन्होंने घरों को निशाना बनाकर पथराव किया. इलाके में खड़ी गाड़ियों को तोड़ा गया, कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. हमलावरों ने चेहरे ढक रखे थे और कुछ के पास पेट्रोल बम भी थे. स्थानीय निवासी ने बताया, ‘हमने आज तक ऐसी घटना नहीं देखी. हमारे घरों की खिड़कियों पर पत्थर बरसाए गए. भीड़ में कोई भी स्थानीय नहीं था. एक वृद्ध महिला की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.’

हिंसा के दौरान पुलिस उपायुक्त (DCP) निकेतन कदम पर भी हमला हुआ. भीड़ में शामिल एक अज्ञात व्यक्ति ने उन पर कुल्हाड़ी से वार किया, जिससे उनके हाथ में गंभीर चोट आई है. कदम को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल समेत बड़ी संख्‍या में पुलिस फोर्स इलाके में मौजूद है. फिलहाल सुरक्षा व्यवस्था नियंत्रण में है. पथराव करने वाले 20 से 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है. लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की गई है.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सोमवार दोपहर नागपुर में कुछ संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था. वे जिला कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तभी दो समूहों के बीच मामूली विवाद हो गया. इसे कुछ ही देर में सुलझा लिया गया. हालांकि, बाद में शाम 7 से 7.30 बजे के बीच एक बड़ा समूह शिवाजी चौक पहुंचा और नारेबाजी करने लगा. वे दोपहर में हुए विरोध प्रदर्शन से नाराज थे. जैसे ही नारेबाजी शुरू हुई, इलाके में मौजूद दूसरे समूह ने भी नारेबाजी शुरू कर दी. कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची.

इस बीच हालात को काबू में लाने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत पूरे इलाके में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. नागपुर पुलिस आयुक्त रवींद्र कुमार सिंगल की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि यह प्रतिबंध अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा.

इसके तहत कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पाचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर, कपिल नगर में कर्फ्यू लगाया गया है. प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और कानून का पालन करने की अपील की है.

घटना को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुरवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘नागपुर एकता और भाईचारे का शहर है. हिंसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.’

मध्य नागपुर के विधायक प्रवीण दटके ने इस घटना को ‘पूर्व नियोजित साजिश’ करार दिया. उन्होंने कहा, ‘सुबह का आंदोलन शांतिपूर्ण था, लेकिन रात को योजनाबद्ध तरीके से बाहर से लोगों को बुलाकर हमला कराया गया. भीड़ ने आगजनी की और पुलिसकर्मियों पर हमला किया. मुख्यमंत्री से मांग है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो.’

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा राज्य के गृह विभाग की विफलता को दर्शाता है. सपकाल ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित करार देते हुए विदर्भ के सबसे बड़े शहर के लोगों से संयम और शांति बनाए रखने की अपील की है. सपकाल ने एक बयान में कहा, ‘नागपुर में जारी तनाव, पथराव और आगजनी गृह विभाग की घोर विफलता है. पिछले कुछ दिनों से राज्य के मंत्री जानबूझकर समाज में हिंसा भड़काने के लिए भड़काऊ भाषण दे रहे हैं. ऐसा लगता है कि नागपुर में उनकी कोशिशें सफल हो गई हैं.’

फिलहाल नागपुर पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए है. इलाके में शांति बहाल करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है. प्रशासन ने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.

स्थानीय लोगों के अनुसार, लगभग 200 से 300 लोगों की भीड़ अचानक आई और उन्होंने घरों को निशाना बनाकर पथराव किया. इलाके में खड़ी गाड़ियों को तोड़ा गया, कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. हमलावरों ने चेहरे ढक रखे थे और कुछ के पास पेट्रोल बम भी थे. स्थानीय निवासी ने बताया, ‘हमने आज तक ऐसी घटना नहीं देखी. हमारे घरों की खिड़कियों पर पत्थर बरसाए गए. भीड़ में कोई भी स्थानीय नहीं था. एक वृद्ध महिला की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.’

हिंसा के दौरान पुलिस उपायुक्त (DCP) निकेतन कदम पर भी हमला हुआ. भीड़ में शामिल एक अज्ञात व्यक्ति ने उन पर कुल्हाड़ी से वार किया, जिससे उनके हाथ में गंभीर चोट आई है. कदम को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल समेत बड़ी संख्‍या में पुलिस फोर्स इलाके में मौजूद है. फिलहाल सुरक्षा व्यवस्था नियंत्रण में है. पथराव करने वाले 20 से 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है. लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की गई है.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सोमवार दोपहर नागपुर में कुछ संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था. वे जिला कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तभी दो समूहों के बीच मामूली विवाद हो गया. इसे कुछ ही देर में सुलझा लिया गया. हालांकि, बाद में शाम 7 से 7.30 बजे के बीच एक बड़ा समूह शिवाजी चौक पहुंचा और नारेबाजी करने लगा. वे दोपहर में हुए विरोध प्रदर्शन से नाराज थे. जैसे ही नारेबाजी शुरू हुई, इलाके में मौजूद दूसरे समूह ने भी नारेबाजी शुरू कर दी. कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची.

इस बीच हालात को काबू में लाने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत पूरे इलाके में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. नागपुर पुलिस आयुक्त रवींद्र कुमार सिंगल की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि यह प्रतिबंध अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा.

इसके तहत कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पाचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर, कपिल नगर में कर्फ्यू लगाया गया है. प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और कानून का पालन करने की अपील की है.

घटना को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुरवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘नागपुर एकता और भाईचारे का शहर है. हिंसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.’

मध्य नागपुर के विधायक प्रवीण दटके ने इस घटना को ‘पूर्व नियोजित साजिश’ करार दिया. उन्होंने कहा, ‘सुबह का आंदोलन शांतिपूर्ण था, लेकिन रात को योजनाबद्ध तरीके से बाहर से लोगों को बुलाकर हमला कराया गया. भीड़ ने आगजनी की और पुलिसकर्मियों पर हमला किया. मुख्यमंत्री से मांग है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो.’

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा राज्य के गृह विभाग की विफलता को दर्शाता है. सपकाल ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित करार देते हुए विदर्भ के सबसे बड़े शहर के लोगों से संयम और शांति बनाए रखने की अपील की है. सपकाल ने एक बयान में कहा, ‘नागपुर में जारी तनाव, पथराव और आगजनी गृह विभाग की घोर विफलता है. पिछले कुछ दिनों से राज्य के मंत्री जानबूझकर समाज में हिंसा भड़काने के लिए भड़काऊ भाषण दे रहे हैं. ऐसा लगता है कि नागपुर में उनकी कोशिशें सफल हो गई हैं.’

फिलहाल नागपुर पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए है. इलाके में शांति बहाल करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है. प्रशासन ने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.

इधर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि औरंगज़ेब का समर्थन करने वाले देशद्रोही हैं। उपद्रवियों को छोड़ेंगे नहीं।

वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा है कि उपद्रवियों को छोड़ेंगे नहीं। पथराव किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उन्होंने अफवाहों पर लोगों को ध्यान न देने की अपील की है।

इधर कांग्रेस के नेता इमरान मसूद ने कहा कि घटना का जिम्मेदार महाराष्ट्र सरकार है।

कांग्रेसी नेता पवन खेड़ा ने कहा है कि भाजपा ने ही विवाद का जरिया बनाया है।

शिवसेना उद्धव ठाकरे गुटके आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुंबई की कानून व्यवस्था पहले इतनी कभी खराब नहीं थी।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आपको पर ध्यान ना दें। कानून व्यवस्था बनाए रखें पुलिस प्रशासन को सहयोग करें।

Kumar Trikal

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