रांची: झारखंड की राजनीति में सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रविवार को प्रेसवार्ता कर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी प्रतिनिधियों और झामुमो नेताओं के इशारे पर सूर्या हांसदा की हत्या करवाई गई।
मरांडी ने दावा किया कि झामुमो के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मुख्यमंत्री के खास विधायक प्रतिनिधि, जो हाल में अवैध खनन सहित कई मामलों में ईडी की सशर्त जमानत पर बाहर आए हैं, ने 11 जून को गोड्डा की एक सभा में खुलेआम कहा था कि “जो सरकार की बात नहीं मानेगा, उसे पुलिस की गोली मारेगी।” इसके अगले ही दिन यानी 12 जून को सूर्या हांसदा पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया और बाद में उन्हें साजिशन एनकाउंटर में मौत के घाट उतार दिया गया।
भाजपा जांच समिति ने सौंपी रिपोर्ट
मरांडी ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में गठित भाजपा की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट पार्टी को सौंप दी है। इस समिति में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, प्रदेश उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही, पूर्व मंत्री रणधीर सिंह, प्रदेश प्रवक्ता अमित मंडल, पूर्व सांसद सुनील सोरेन और महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री अनीता सोरेन शामिल थीं।रिपोर्ट के अनुसार, गोड्डा के ललमटिया निवासी सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा को सत्ता पक्ष और माफिया गठजोड़ ने योजनाबद्ध तरीके से पुलिस की मदद से मौत के घाट उतारा।
पुलिस की मंशा पर सवाल
मरांडी ने कहा कि पुलिस लगातार सूर्या हांसदा को अपराधी साबित करने की कोशिश करती रही, जबकि न्यायालय ने उन्हें किसी भी मुकदमे में दोषी नहीं ठहराया था।
पुलिस द्वारा बताए गए 24 मामलों में से 14 में वे बरी हो चुके थे।5 मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी थी।शेष 5 मामले विचाराधीन थे।उन्होंने कहा कि 27 मई 2025 को कंपनी की गाड़ी जलाने के जिस आरोप में सूर्या को फंसाया गया, उस दिन वे अपने बेटे का जन्मदिन मना रहे थे। कंपनी ने भी पुलिस को इस घटना की कोई सूचना नहीं दी थी।
गोली पेट में, पीठ पर नहीं
मरांडी ने पुलिस की एनकाउंटर थ्योरी को पूरी तरह फर्जी बताते हुए कहा कि “सूर्या के शरीर पर तीन गोलियों के निशान मिले, जो सभी पेट में थे। अगर कोई भाग रहा था, तो उसे गोली पीठ में लगनी चाहिए थी, पेट में नहीं। यह स्पष्ट करता है कि पूरी कार्रवाई फर्जी एनकाउंटर थी।”
उन्होंने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के दौरान न तो भारतीय न्याय संहिता और न ही पुलिस नियमों का पालन किया गया। न तो कोई स्वतंत्र गवाह मौजूद था और न ही मेडिकल जांच कराई गई।
आदिवासी हितैषी सरकार पर कटाक्ष
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सूर्या हांसदा आदिवासी समाज के लिए एक संवेदनशील सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता थे। वे 400 अनाथ बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाए हुए थे। “खुद को आदिवासी हितैषी बताने वाली सरकार ने ऐसे व्यक्ति को अपराधी बताकर मौत के घाट उतार दिया,” मरांडी ने कहा।
संथाल परगना बना अवैध गतिविधियों का गढ़
मरांडी ने आरोप लगाया कि संथाल परगना क्षेत्र आज अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ, अवैध खनन, धर्मांतरण, जमीन पर अवैध कब्जे और आदिवासी महिलाओं से छेड़छाड़ का अड्डा बन चुका है। इन सभी गतिविधियों को सत्ता पक्ष का संरक्षण प्राप्त है।
सीबीआई जांच की मांग
प्रदेश उपाध्यक्ष और जांच समिति के सदस्य भानु प्रताप शाही ने कहा कि सूर्या हांसदा की मौत पुलिस टॉर्चर से हुई और बाद में गोली मारकर इसे एनकाउंटर का रूप दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घटना स्थल पर मीडिया को प्रवेश नहीं दिया गया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी संदेहास्पद है, क्योंकि उसमें शरीर पर पाए गए निशानों का स्पष्ट विवरण नहीं है। शाही ने मांग की कि सूर्या हांसदा का दोबारा पोस्टमार्टम कराया जाए और मामले की सीबीआई जांच हो।
प्रेसवार्ता में मौजूद नेता
प्रेसवार्ता में बाबूलाल मरांडी के साथ भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही, प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह भी उपस्थित रहे।