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महुआडांड़ में धड़ल्ले से चल रहे हैं बंग्ला ईंट भट्टे, जिम्मेदार मौन

On: January 6, 2024 4:19 PM
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झारखंड वार्ता न्यूज़

लातेहार:- महुआडांड़ प्रखण्ड प्रशासन के मनाही के बावजूद भी महुआडांड़ प्रखण्ड क्षेत्र के दर्जनों स्थानों पर भारी पैमाने पर अवैध रूप से बंग्ला ईंट बनाया जा रहा है। इन क्षेत्रों में बंगला ईंट भट्टा बेरोक टोक संचालित है । प्रखण्ड प्रशासन एवं वन व पर्यावरण विभाग से बगैर NOC प्राप्त के ही धड़ल्ले से अवैध बंग्ला ईंट भट्टा चलाये जा रहे हैं।

बगैर अनुमति के करते हैं अवैध मिट्टी का उत्तखन्न

नियम क़ानून को ताक मे रखकर क़ृषि योग्य भूमि पर संचालित यह ईंट भट्टे पर ईंट बनाने के लिए क़ृषि युक्त भूमि का मिट्टी खनन कर निकालते है। जिससे भूमि बंजर बनता जा रहा है जिसे देखने वाला कोई नहीं है। अगर इसी प्रकार से अवैध मिट्टी का खनन होता रहा तो आनेवाले समय मे ना ही खेत बचेंगे और ना ही अनाज पैदा होगा। जो काफ़ी भयावहता पैदा कर सकता है।

मजदूरों का बगैर मजदूरी रजिस्ट्रेशन व बगैर बीमा, मजदूरी करवा रहे है भट्टा मालिक

ईंट भट्टों में महुआडांड़ प्रखण्ड के अलावे समीपवर्ती राज्य छत्तीसगढ़ राज्य से भी मजदूर व बाल मजदूर दोनों ही काम करते देखे जा सकते हैं। जिन्हे पैसे देकर मजदूरी के लिए लाया जाता है, हालांकि इनकी रजिस्ट्रेशन व बीमा होनी चाहिए, परन्तु यहाँ संचालित एक भी ईंट भट्टो के पास इनकी रजिस्ट्रेशन व बीमा युक्त मजदूर नहीं है.

दर्जनों ईंट भट्टे नहीं भरते है खनन चालान

दर्जनों ईंट भट्टे ऐसे है जो खनन चालान नहीं भरते है बावजूद अफसरों के छत्र छाया मे पनप रहे है ईंट भट्टे, कुकुरमुत्ते की तरह संचालित ईंट भट्टो मे बेधड़क गिराए जा रहे है। चोरी का भी कोयला, जिसे देखने वाला कोई नहीं है। यह बड़ी बात है आखिर किनके और कौन अधिकारियो के इशारे मे फल फूल रहे हैं ईंट भट्टे, नियम क़ानून को ताक मे रख भट्टे संचालको की आखिर जाँच क्यों नहीं, आखिर किसके इशारों पर इन्हे खुली छूट मिली है।

वायु प्रदूषण मे हो रही है बढ़ोतरी

धड़ल्ले से बन रहे ईंट भट्टो से क्षेत्र लगातार प्रदूषित हो रहा है। वायु प्रदूषण बढ़ रहा है वहीं इसके प्रभाव से नदी नाले भी प्रभाव मे आ रहे है इतना ही नहीं जंगलो का कटाव भी जारी है कई ईंट भट्टे जंगलो के पास है जिससे उन्हें लकड़ी आसानी से मिल जा रही है और धड़ल्ले से जंगलो का सफाया भी होता जा रहा है।

Satyam Jaiswal

सत्यम जायसवाल एक भारतीय पत्रकार हैं, जो झारखंड राज्य के रांची शहर में स्थित "झारखंड वार्ता" नामक मीडिया कंपनी के मालिक हैं। उनके पास प्रबंधन, सार्वजनिक बोलचाल, और कंटेंट क्रिएशन में लगभक एक दशक का अनुभव है। उन्होंने एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से शिक्षा प्राप्त की है और विभिन्न कंपनियों के लिए वीडियो प्रोड्यूसर, एडिटर, और डायरेक्टर के रूप में कार्य किया है। जिसके बाद उन्होंने झारखंड वार्ता की शुरुआत की थी। "झारखंड वार्ता" झारखंड राज्य से संबंधित समाचार और जानकारी प्रदान करती है, जो राज्य के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है।

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