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मदन साहु

सिसई: एक तरफ सरकार कहती है कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए बैंक ऋण दें। दूसरी तरफ बैंक किसानों को ऋण देने में आना कानी कर रही है। चूंकि भारत कृषि प्रधान देश है। यहां किसान मजबूत होगा तो देश मजबूत होगा।लेकिन सिसई प्रखंड के झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर रहा है।

प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण किसानों को बैंक के द्वारा इन दिनों कृषि ऋण नहीं दिया जा रहा है। जिससे किसान वर्ग काफी परेशान हैं।बैंक अगर इस तरह से किसानों के साथ अन्याय करेंगे तो फिर किसान जाएंगे तो जाएंगे कहां। चूंकि किसान साल भर खेती करता है। जिससे उसकी आजीविका चल पाती है। अभी किसानों को विभिन्न प्रकार की खेती करने का समय है। ऐसे समय मे केसीसी ऋण नहीं देना किसानों के लिए मुश्किल पैदा करता है। ऋण के लिए किसान आये दिन बैंक का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें ऋण नही मिल रहा है।

इस संबंध में झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक सिसई शाखा के बैंक प्रबंधक संतोष कुमार पाण्डे से पूछे जाने पर उनका कहना है कि सिसई प्रखंड में काफी किसानों का केसीसी ऋण खाता एनपीए हो चुका है। उसे सुधार करने मे लगे हुए हैं। जबतक उसमें सुधार नही हो जाता है, तब तक हम किसी किसान को ऋण नही दे सकते हैं।अगर देंगे भी तो पांच से दस हजार उससे ज्यादा नही। ये प्रबंधक का दादागिरी नहीं तो और क्या है। पांच दस हजार ऋण लेकर किसान करेगा भी तो क्या, जब उस राशि से खेती ही नही हो पायेगा। वहीं किसानों ने सरकार से बैंक द्वारा ऋण दिलाने की मांग की है।

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