एजेंसी:बिहार चुनाव से पूर्व चुनाव आयोग ने बड़ा एक्शन लेते हुए 474 राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन खत्म कर दिया है। अगस्त से अब तक कुल 808 पार्टियों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका है।9 अगस्त को 334 दलों का रजिस्ट्रेशन खत्म किया गया था और अब 474 दलों को सूची से हटा दिया गया है।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अंतर्गत की गई कार्रवाई
देश के चुनाव प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए चुनाव आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29A के तहत कार्रवाई की है। इस नियम के मुताबिक अगर कोई राजनीतिक दल लगातार 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ता, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। इसी आधार पर चुनाव आयोग ने यह बड़ा कदम उठाया है। राज्यों का आंकड़ा
सबसे ज्यादा दल उत्तर प्रदेश से हटाए गए हैं, जहां 121 दलों का रजिस्ट्रेशन खत्म हुआ है। इसके अलावा महाराष्ट्र से 44, तमिलनाडु से 42, दिल्ली से 40, पंजाब से 21, मध्य प्रदेश से 23, बिहार से 15 और आंध्र प्रदेश से 17 दलों को हटाया गया है।
फाइनेंशियल ऑडिट की अनदेखी पर भी कार्रवाई
चुनाव आयोग ने 359 अन्य दलों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है। ये दल पिछले 6 साल में चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन अपनी वित्तीय ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं कराई। इनमें यूपी के 127, तमिलनाडु के 39 और दिल्ली के 41 दल शामिल हैं।
चुनाव आयोग ने संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। दलों को हटाने से पहले अंतिम सुनवाई की जाएगी।