शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– श्री कृष्ण जन्मोत्सव के पावन अवसर पर श्री बंशीधर मंदिर के खलिहान प्रांगण में श्री बंशीधर सूर्य मंदिर ट्रस्ट के तत्वाधान में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के सातवें दिन श्रीधाम वृन्दावन से आए कथा वाचक व्यास योगेश जी महाराज द्वारा कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया। इस दौरान उन्होंने भगवान श्री कृष्णा और सुदामा की कथा का वर्णन किया। भक्तों को कथा श्रवण कराते हुए कथावाचक व्यास योगेश जी महाराज ने कहा कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र सखा से सुदामा मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे थे। सुदामा द्वारकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे तब द्वार पर खड़े द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं, इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया और सुदामा को अपने महल में ले गए और उनका अभिनंदन किया।
