शपथ ग्रहण के पहले सीएम हेमंत को बड़ा झटका! कोर्ट ने 4 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा
रांची: फिर से एक बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में 28 नवंबर को हेमंत सोरेन शपथ लेने वाले हैं. इसी बीच खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के समन्स की अवहेलना करना महंगा पड़ गया है और एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें बहुत बड़ा झटका दे दिया है. सीएम हेमंत की उस याचिका को खारिज करते हुए उन्हें 4 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने का फरमान जारी कर दिया है. जिसमें उन्होंने ईडी के समन की अवहेलना मामले में उनकी ओर से व्यक्तिगत पेशी से छूट का आग्रह करते हुए याचिका दायर की थी.एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है.
बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन ने 5 जुलाई को अदालत में याचिका दाखिल कर दरख्वास्त की थी कि ईडी की ओर से समन अवहेलना का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ जो शिकायतवाद दायर की है, उसमें सुनवाई के दौरान उन्हें व्यक्तिगत तौर पर उपस्थिति से छूट दी जाए.अदालत ने ईडी की ओर से इस मामले में दायर मुकदमे में हेमंत सोरेन को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थिति से छूट देने से इनकार कर दिया है.
एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश सार्थक शर्मा की अदालत ने सोरेन की याचिका पर सुनवाई और दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 11 नवंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. अब अदालत ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से बुलाया है और चार दिसंबर की तारीख निर्धारित की है.
ईडी ने सीएम हेमंत को भेजे थे 10 समन
कोर्ट ने प्रथम दृष्टया यह माना है कि हेमंत सोरेन ने ईडी की ओर से भेजे गए समन का उल्लंघन किया. ईडी की ओर से सीजेएम कोर्ट में 19 फरवरी को शिकायतवाद दर्ज कराया गया था. इसमें एजेंसी ने बताया है कि जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को दस समन भेजे गए थे, लेकिन इनमें से मात्र दो समन पर वह उपस्थित हुए. यह पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 63 एवं आईपीसी की धारा 174 के तहत गैरकानूनी है.
कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद 4 मार्च को संज्ञान लिया था. बाद में यह मामला एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था.
बड़गाई में जमीन घोटाला का मामला
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