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रांची: दिल्ली की उच्च अदालत से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बहुत बड़ा झटका लगने की खबर आ रही है। मामला आय से अधिक संपत्ति का है।लोकपाल की कार्यवाही को चुनौती देने वाली सोरेन की याचिका को ‘प्रीमेच्योर’ हाई कोर्ट ने बताते हुए इस चरण में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। कोर्ट का कहना है कि लोकपाल को अभी भी सीबीआई द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री पर कार्यवाही करनी है कि क्या मामले में जांच जरूरी है।इसलिए कोर्ट को नहीं लगता कि इस समय इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।यह फैसला लोकपाल को लेना है कि जांच के लिए आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सामग्री है या नहीं।जिसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बड़ा झटका माना जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन के वकील की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि शिकायत पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित थी और शिकायत झूठी है।

भाजपा के सांसद निशिकांत दूबे द्वारा 5 अगस्त, 2020 को दायर एक शिकायत पर लोकपाल द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को चुनौती देते हुए हेमंत सोरेन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। दूबे की शिकायत में आरोप लगाया गया कि उन्होंने भ्रष्ट तरीकों से आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है।

बता दें कि जमीन घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शनिवार को ईडी की पूछताछ करीब सात घंटे तक चली थी। शाम 8 बजकर 20 मिनट पर ईडी के अफसरों की टीम सीएम आवास से बाहर निकली थी।

सूत्रों का कहना है कि तो इस मामले के कुछ बिंदुओं पर उनसे दोबारा पूछताछ की जा सकती है. पूछताछ पूरी होने के बाद सीएम सोरेन अपने आवास से निकले थे और बाहर जमा समर्थकों से कहा था कि हम किसी से डरने वाले नहीं हैं। हर वाजिब सवाल का जवाब दिया जाएगा।उन्होंने समर्थन जताने के लिए कार्यकर्ताओं और समर्थकों का आभार जताया था।

इसके पहले ईडी के अफसरों की टीम शनिवार को करीब एक बजे कांके रोड स्थित सीएम आवास पहुंची थी।सीएम से कई सवाल पूछे गए थे। इसके अलावा सीएम से उनके और उनके परिजनों द्वारा अर्जित संपत्ति के बारे में जानकारी मांगी गई थी।बताया गया कि ईडी ने सीएम से करीब एक दर्जन सवाल पूछे थे। अफसरों ने सीएम का जो बयान दर्ज किया था, उसका दस्तावेजों के साथ मिलान किया जाएगा।

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