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बिग ब्रेकिंग:अचानक मस्जिदें ढहने लगी और हो गई 700 से ज्यादा नमाजियों की मौत

On: March 31, 2025 9:16 AM
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म्यांमार: म्यांमार में अलविदा जुम्मा के दिन 7.7 के जोरदार भूकंप ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है।एक मुस्लिम संगठन की ओर से यह दावा किया कि‌रमजान में जुमे की नमाज के दौरान म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के कारण 700 से अधिक नमाजियों की जान चली गई।

‘स्प्रिंग रेवोल्यूशन म्यांमा मुस्लिम नेटवर्क’ की संचालन समिति के सदस्य तुन की ने बताया कि देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के निकट आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के कारण लगभग 60 मस्जिदें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गईं।यह अभी स्पष्ट नहीं है कि मस्जिदों में मारे गए लोगों की यह संख्या भूकंप में अब तक मारे गए 1,700 से अधिक लोगों की आधिकारिक संख्या में शामिल है या नहीं।

‘द इरावदी’ ऑनलाइन समाचार साइट पर ‘पोस्ट’ किए गए वीडियो में भूकंप के दौरान कई मस्जिदें गिरती हुई दिखाई दे रही हैं। लोग इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं।तुन की ने कहा कि क्षतिग्रस्त हुई अधिकतर मस्जिदों की इमारतें पुरानी थीं।

भूकंप के बाद मलबे में दब गए थे लोग

aljazeera.com ने एक खबर प्रकाशित की है।इसमें कहा गया है कि हेट मिन ऊ मंडाले में अपने घर के बगल में एक मस्जिद में रमजान की नमाज से पहले वजू कर रहे थे. मस्जिद के एक हिस्से के साथ उनका घर भी ढह गया, जिससे उनका आधा शरीर दीवार के मलबे में फंस गया। इसमें उनकी दो मौसी दब गई थीं। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग उन्हें बाहर निकालने के लिए दौड़े लगाई, लेकिन एक मौसी की मौत हो गई। 25 साल के एक लड़के ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को बताया, उनके दो चाचा और उनकी दादी कंक्रीट के ढेर के नीचे फंस गए थे. मलबा हटाने के लिए कोई सामान नहीं मिला तो उसने अपने हाथों से मलबे को साफ करने का प्रयास किया, लेकिन उसे कोई सफलता हाथ नहीं लगी।

भूकंप और दिल दहलाने वाली कहानी

मांडले क्षेत्र के एक 39 वर्षीय शख्स ने भयावह दृश्य के बारे में बताया।वह सुले कोने गांव में ढह गई मस्जिद के मलबे में फंसे एक व्यक्ति को बचाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन तेज झटकों के कारण उसे भागना पड़ा।उसने कहा कि मैं उसे बचाने की कोशिश करने के लिए दूसरी बार अंदर गया।मैंने अपने हाथों से चार लोगों को बचाया. लेकिन दुर्भाग्य से, तीन पहले ही मर चुके थे, और एक ने मेरी बाहों में दम तोड़ दिया।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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