Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून, 2025 के विरोध में हुई हिंसा को लेकर सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया हैं। बीएसएफ की इंटेलिजेंस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन स्लीपर सेल की मदद से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून विरोधी आंदोलन को भड़काने में शामिल हो सकते हैं। बीएसएफ की खुफिया रिपोर्ट में बांग्लादेश के दो कट्टरपंथी संगठनों, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में अशांति के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को भारत ने पहले आतंकी संगठन घोषित कर उस पर प्रतिबंध लगा रखा है। हालांकि, बांग्लादेश में भी इस संगठन पर पहले बैन लगा था, लेकिन बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद इस प्रतिबंधित संगठन पर से बैन हटा दिया गया। इसके अलावा बांग्लादेश के विभिन्न जेलों में बंद जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) संगठन के सभी नेताओं को भी रिहा कर दिया गया।
जांच एजेंसियों के अनुसार, इस हिंसा की साजिश तीन महीने पहले रची गई थी और तुर्कीए से फंडिंग की गई थी। हमलावरों को लूटपाट के लिए 500 रुपये दिए गए थे। साजिशकर्ताओं का लक्ष्य बंगाल को बांग्लादेश जैसा बनाना था।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में 10 अप्रैल को हिंसा हुई थी। मुर्शिदाबाद में पहले से ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के करीब 300 जवान तैनात हैं और केंद्र ने व्यवस्था बहाल करने में मदद के लिए केंद्रीय बलों की पांच अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं। बता दें कि केंद्र सरकार के वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर भड़की हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग लगा दी, सड़कें जाम कर दीं और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।