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चुनावी रण से पहले बड़ा उलटफेर: MNS–शिवसेना में मची भगदड़, कई दिग्गज नेताओं ने थामा BJP का दामन

On: December 25, 2025 10:02 PM
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मुंबई: महाराष्ट्र में नगर निगम चुनावों से ठीक पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। गुरुवार को नासिक जिले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) को उस समय बड़ा झटका लगा, जब दोनों दलों के कई प्रमुख नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है, जब एमएनएस और शिवसेना (यूबीटी) ने आगामी बीएमसी समेत नगर निगम चुनावों के लिए अपने गठबंधन की औपचारिक घोषणा की है।


भाजपा में शामिल होने वालों में एमएनएस के पूर्व विधायक नितिन भोसले, शिवसेना (यूबीटी) के पूर्व मेयर विनायक पांडे, एमएनएस के पहले मेयर यतिन वाघ, कांग्रेस नेता शाहू खैरे और संजय चव्हाण जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इन नेताओं के दलबदल को नासिक की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है, क्योंकि ये सभी स्थानीय राजनीति में मजबूत पकड़ रखते हैं।


दिनकर पाटिल का भाजपा में जाना बना चर्चा का विषय


इस राजनीतिक घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाला नाम एमएनएस के प्रदेश महासचिव दिनकर पाटिल का रहा। खास बात यह है कि दिनकर पाटिल एक दिन पहले ही राज ठाकरे की एमएनएस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के गठबंधन का जश्न मना रहे थे। इसके बावजूद अगले ही दिन उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।


दिनकर पाटिल अपने बेटे और पूर्व पार्षद पत्नी लता पाटिल के साथ भाजपा में शामिल हुए। इस मौके पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन भी मौजूद थे। महाजन ने इस दौरान दावा किया कि भाजपा की विचारधारा से प्रभावित होकर लगातार नेता पार्टी में शामिल हो रहे हैं और आगामी नासिक नगर निगम चुनाव में भाजपा 122 सदस्यीय निगम में 100 से अधिक सीटें जीतने में सक्षम होगी।


भाजपा का बढ़ता आत्मविश्वास


भाजपा नेताओं का कहना है कि यह केवल शुरुआत है और आने वाले दिनों में अन्य दलों से भी कई बड़े नेता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। पार्टी इसे अपने संगठनात्मक विस्तार और मजबूत जनाधार का संकेत बता रही है। नासिक में हुए इस दलबदल से विपक्षी खेमे में असहजता साफ देखी जा रही है।


एमएनएस–शिवसेना (यूबीटी) गठबंधन पर असर


गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की एमएनएस ने आठ महीने से चल रही अटकलों को खत्म करते हुए बुधवार को औपचारिक रूप से गठबंधन की घोषणा की थी। दोनों नेताओं ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि वे ‘मराठी मानुष’ और महाराष्ट्र के हितों के लिए एकजुट हुए हैं। उद्धव ठाकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों दल साथ रहने और साथ लड़ने के इरादे से आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि, गठबंधन की घोषणा के ठीक अगले दिन नासिक में हुए इस दलबदल ने विपक्षी रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इससे गठबंधन की शुरुआती मजबूती को झटका लग सकता है, खासकर नगर निगम जैसे स्थानीय चुनावों में, जहां नेताओं की व्यक्तिगत पकड़ अहम भूमिका निभाती है।

हालांकि, बीजेपी की नासिक मध्य विधायक देवयानी फरांडे ने विनायक पांडे, यतिन वाघ और शाहू खैरे के पार्टी में प्रवेश का विरोध किया। उनके समर्थकों और पार्टी के अन्य वफादारों ने पार्टी कार्यालय को घेर लिया और प्रदर्शन किया।


चुनावी कार्यक्रम


महाराष्ट्र में बीएमसी सहित 29 महानगरपालिकाओं के चुनाव 15 जनवरी को होने हैं, जबकि मतगणना अगले दिन की जाएगी। नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 23 दिसंबर से शुरू होकर 30 दिसंबर को समाप्त होगी। ऐसे में आने वाले दिनों में और भी राजनीतिक उठापटक देखने को मिल सकती है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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