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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का सबसे बड़ा सरेंडर, आज 190 नक्सली मुख्यमंत्री के समक्ष करेंगे आत्मसमर्पण

On: October 17, 2025 9:40 AM
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जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों और सरकार को बड़ी सफलता मिलने जा रही है। शुक्रवार को 190 नक्सली मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले हैं। इनमें अबूझमाड़ जंगल में सक्रिय माड़ डिवीजन के 140 नक्सली शामिल हैं, जो गुरुवार को समर्पण के लिए अपने ठिकानों से निकल चुके हैं।

जानकारी के अनुसार, यह दल इंद्रावती नदी पार कर भैरमगढ़ क्षेत्र में पहुंच चुका है, जहां उन्हें पुलिस सुरक्षा घेरे में रखा गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने अब इन नक्सलियों को जगदलपुर लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस समूह का नेतृत्व संगठन के प्रवक्ता माओवादी रूपेश और माड़ डिवीजन की सचिव रणिता कर रहे हैं।

समर्पण करने वाले नक्सलियों में दो जोनल कमेटी सदस्य, 15 डिविजनल कमेटी सदस्य, 121 एरिया कमेटी और जनमिलिशिया कैडर शामिल हैं। इनके पास एके-47 समेत कुल 71 हथियार हैं, जिन्हें आज मुख्यमंत्री के समक्ष जमा कराया जाएगा।

इसके अलावा, कांकेर जिले में पहले ही आत्मसमर्पण कर चुके माओवादी भास्कर और राजू सलाम के नेतृत्व में 50 अन्य माओवादी भी जगदलपुर लाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि आज के सामूहिक आत्मसमर्पण कार्यक्रम में माओवादी संगठन के कई पुराने और कुख्यात सदस्य शामिल होंगे।

गौरतलब है कि बीते बुधवार को छह करोड़ के इनामी नक्सली भूपति ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष 60 साथियों सहित समर्पण किया था। अब उसी क्रम में माड़ डिवीजन के 140 और रावघाट एरिया कमेटी के 50 नक्सली हथियार डालने को तैयार हैं।

पिछले कुछ महीनों में अबूझमाड़ क्षेत्र में माओवादी संगठन को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। यहां बसवराजू सहित 89 नक्सली मारे गए, जबकि केंद्रीय समिति सदस्य सुजाता और सुधाकर की पत्नी ककराला सुनीता सहित 200 से अधिक नक्सली पहले ही आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

राज्य में जनवरी 2024 में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक 2100 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, 1785 गिरफ्तार किए गए हैं, और 477 मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं। सुरक्षा एजेंसियां इसे नक्सल विरोधी अभियान की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मान रही हैं।

सरकार का दावा – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि “बस्तर क्षेत्र में शांति और विकास के लिए सरकार का ‘समर्पण और पुनर्वास अभियान’ प्रभावी साबित हो रहा है। हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने वालों को समाज में सम्मान और बेहतर जीवन का अवसर दिया जाएगा।”

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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