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बिहार पॉलिटिक्स:वोटिंग खत्म होते ही पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ० शकील अहमद का कांग्रेस से इस्तीफा,बोले!

On: November 12, 2025 8:07 AM
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पटना:बिहार में वोटिंग खत्म होते ही पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने बड़ा फैसला लेते हुए कांग्रेस देकर एक तरह से कांग्रेस को तो बहुत बड़ा झटका दे दिया है और दूसरी ओर विपक्षी दलों को भी हैरान कर दिया है।

पार्टी के कद्दावर नेता शकील अहमद ने इस्तीफा के पत्र में कहा कि मतदान समाप्त होने के बाद इस्तीफा दे रहा हूं, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मतदान से पहले कोई गलत संदेश जाये और मेरी वजह से पार्टी को पाँच वोट का भी नुकसान हो।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. शकील अहमद ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे की कॉपी शकील अहमद ने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा है। शकील अहमद ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे गए इस्तीफे में कहा है कि आपके नाम लिखे मेरे 16 अप्रैल 2023 के पत्र का स्मरण करें। जिसके द्वारा मैंने पार्टी को सूचित किया था कि मैं अब भविष्य में कभी चुनाव नहीं लडूंगा।

उन्होंने आगे कहा कि अभी हाल ही में मैंने यह घोषणा भी कर दिया था कि मेरे तीनों पुत्र कनाडा में रहते हैं और उनमें से किसी की भी राजनीति में शामिल होने में कोई रुचि नहीं है, इसलिए वह भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन मैं फिर भी जीवन भर कांग्रेस में बना रहूंगा। परन्तु अध्यक्ष महोदय यह अब संभव नहीं लगता है। बहुत ही दुखी मन से मैंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला लिया है।

पार्टी की सदस्यता से अलग होने का यह मतलब नहीं है कि मैं किसी दूसरी पार्टी या दल में शामिल हो रहा हूँ। मेरा किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है। अपने पूर्वजों की तरह मुझे भी कांग्रेस की नीतियों और सिद्धांतों में अटूट विश्वास है और मैं जीवन भर कांग्रेस की नीतियों और सिद्धांतों का शुभचिंतक और समर्थक बना रहूंगा तथा मेरे जीवन का अंतिम वोट भी कांग्रेस के पक्ष में ही गिरेगा।

शकील अहमद ने आगे कहा कि मेरे दादा स्व० अहमद गफूर 1937 में कांग्रेस के विधायक चुने गये थे। 1948 में उनकी मृत्यु के बाद मेरे पिता शकूर अहमद 1952 से 1977 के बीच 5 बार कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गये और अलग-अलग पदों पर रहे। 1981 में मेरे पिता के स्वर्गवास होने के बाद 1985 के बाद स्वयं मैं भी 5 बार कांग्रेस का विधायक और सांसद चुना जा चुका हूँ।

पार्टी की सदस्यता त्यागने का फैसला तो मैंने पहले ही कर लिया था, परन्तु इसकी घोषणा आज मतदान समाप्त होने के बाद कर रहा हूँ, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मतदान से पहले कोई गलत संदेश जाये और मेरी वजह से पार्टी को पाँच वोट का भी नुकसान हो। अस्वस्थ रहने के कारण मैं प्रचार तो नहीं कर सका मगर उम्मीद है कि इस बार कांग्रेस की सीटें भी बढ़ेंगी और हमारे गठबंधन की एक मजबूत सरकार बनेगी।

शकील अहमद ने कहा कि अंत में एक बार फिर कहूंगा कि मेरा मतभेद वर्तमान में पार्टी की सत्ता में बैठे कुछ व्यक्तियों से हो सकता है, मगर पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों पर मुझे अटूट विश्वास है। कृप्या मेरे इस पत्र को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा माना जाये।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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