रांची: अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की राष्ट्रीय सचिव और बड़कागांव की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने झारखंड में खनन माफियाओं और पुलिस प्रशासन के बीच गहरे गठजोड़ का गंभीर आरोप लगाया है। रविवार को हजारीबाग में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि अवैध खनन का विरोध करने पर एक कंपनी, जिसके मालिक आंध्र प्रदेश के भाजपा सांसद हैं, उनके भाई ने फोन पर धमकी दी और उनका राजनीतिक करियर खत्म करने की चेतावनी दी।
अंबा प्रसाद ने कहा, “हैरत की बात है कि एक तरफ भाजपा सांसद का भाई मुझे फोन पर धमकी देता है, और दूसरी तरफ 400 से अधिक पुलिस बल मेरे घर पहुंच जाता है। मेरे ड्राइवर को हिरासत में ले लिया गया। यह हजारीबाग में खनन माफियाओं और प्रशासन के बीच नापाक गठजोड़ का स्पष्ट उदाहरण है।”
उन्होंने इस धमकी का एक ऑडियो क्लिप भी पत्रकारों को सुनाया और बताया कि इसकी लिखित शिकायत तथा पेन ड्राइव उन्होंने केरेडारी थाने में जमा कर दी है।
पुलिस पर गंभीर सवाल
कांग्रेस सचिव ने हजारीबाग पुलिस और जिला प्रशासन पर सीधे सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस “भाजपा के एजेंट और कंपनी के लठैत” की तरह काम कर रही है।उन्होंने कहा, “आम लोगों की सुरक्षा के लिए कभी 400 पुलिसकर्मी नहीं पहुंचते, लेकिन जब मैं खनन माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाती हूं तो मुझे डराने के लिए इतना बड़ा पुलिस बल भेजा जाता है। यह साफ तौर पर पुलिस और खनन माफियाओं के बीच साठगांठ को दर्शाता है।”
मुख्यमंत्री को चेतावनी
अंबा प्रसाद ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आगाह करते हुए कहा कि “कुछ पुलिस अधिकारी झारखंड को लूटने में लगे हैं और मुख्यमंत्री की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।” उन्होंने कहा कि वह इस अन्याय के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगी और जनता के हित में संघर्ष जारी रखेंगी।
अपने माता-पिता , पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी का उल्लेख करते हुए अंबा प्रसाद ने कहा कि उनके परिवार ने खनन माफियाओं के खिलाफ संघर्ष किया और जेल भी गए, और वह भी इस लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगी।
चट्टी बारियातू माइंस विवाद
हजारीबाग के चट्टी बारियातू माइंस को लेकर लंबे समय से स्थानीय ग्रामीण आंदोलनरत हैं। ग्रामीण एनटीपीसी की इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण और कथित अवैध खनन का विरोध कर रहे हैं। इसी विवाद के बीच एक हाइवा ड्राइवर से मारपीट के आरोप में पुलिस ने अंबा प्रसाद के ड्राइवर और निजी गार्ड को हिरासत में ले लिया। अंबा प्रसाद का आरोप है कि 400 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में यह कार्रवाई उन्हें डराने और दबाव बनाने के मकसद से की गई।
ईडी जांच और आरोप
हाल ही में कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स और राजनीतिक बयानों में यह दावा किया गया है कि अंबा प्रसाद और उनके परिवार पर रंगदारी, जमीन कब्जाने और अवैध खनन से जुड़े आरोप हैं जिनकी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच कर रहा है। हालांकि, अंबा प्रसाद ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सब उनके खिलाफ रची गई साजिश का हिस्सा है।
संघर्ष जारी रखने का ऐलान
अंत में उन्होंने दोहराया कि वह खनन माफियाओं और प्रशासनिक मिलीभगत के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगी और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगी।