सिसई:- पिलखी मोड़ स्थित समाजसेवी संजय वर्मा के आवास पर रामचरित्र सिंह के अध्यक्षता में भ्रष्टाचार को लेकर एक आवश्यक बैठक रखा गया। इस बैठक में प्रखंड बचाओ संघर्ष समिति सिसई का गठन किया गया। इस बैठक में समाज के कई गण मान्य लोगों की उपस्थित देखा गया। सभा को संबोधित करते हुए हिंदू जागरण झारखंड प्रवर्तन प्रमुख श्री संजय वर्मा ने कहा की सिसई प्रखंड के पदाधिकारी हर प्रकार के सरकारी कामों पर आम जनों से पैसा लूटने का काम कर रही है।
आए दिन कई बड़े-बड़े घटनाएं देखने को मिल रहा है। जमीन ऑनलाइन सुधार के लिए 20 हजार रुपए से लेकर जाति आवासीय बनाने के लिए पैसे का वसूली किया जाता है। अब प्रखंड के अफसर बालू बेचने से लेकर जंगल जमीन को भी बेचने का काम कर रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण प्रखंड कार्यालय के सामने 39 यूके लिप्टस के पेड़ में से आठ पेड़ काटने का फॉर्मेशन मिला हुआ था। बदले में 38 पेड़ काट लिए गए। जिसको लेकर सिसई प्रखंड वासियों में जान आक्रोश फैल गया था।
प्रखंड कार्यालय के सामने शिव मंदिर के पास 6 घंटा तक रांची गुमला मुख्य मार्ग को जाम कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग डीसी को सौप था।नियम कायदे को ताक में रखकर यूकेलिप्टस के जिंदा पेड़ को लकड़ी माफियाओं के द्वारा काट दिया गया। इस बारे में अंचलाधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि कई ग्रामीणों के द्वारा पेड़ को हटाए जाने के मांग की गई थी।जिसके आधार पर डीएफओ गुमला को पत्र लिखा गया था और 39 पेड़ काटने की अनुमति मांगी गई थी।
लेकिन डीएफओ गुमला के द्वारा 8 पेड़ को काटने का परमिशन दिया गया था। जिसके बाद अंचल कार्यालय के द्वारा डाक कर शाहबाज अंसारी उर्फ राजा को 2 लाख रुपए में आठ पेड़ काटने की अनुमति दी गई। लेकिन सड़क के किनारे एक ओर से 38 से ज्यादा पेड़ काट दिए गए। जिससे घंटो नेशनल हाईवे में आवागमन भी बाधीत रहा।
इस बारे में जब अंचलाधिकारी नितेश खालखो से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर 8 से ज्यादा पेड़ काटे जाते हैं, तो काटने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होगी और उन्हें जेल भेजा जाएगा।हालांकि एफआईआर दर्द होने के बाद भी आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया। जिसमें प्रशासन की भूमिका भी संदीग्ध मानी जा रही है।
यही नहीं इस बारे में आजसू के प्रखंड अध्यक्ष श्रीकांत गिरी ने कहा कि प्रशासन के द्वारा गलत तरीके से डाक करके,औने -पौने दाम में करोड रुपए बाजार मूल्य के विशाल विशाल पेड़ों को बेच दिया गया जो की पूरी तरह से प्रशासन के मिली भगत को दर्शाता है और डाक की प्रक्रिया भी गोपनीय तरीके से बिना किसी सूचना के की गई। इस घटना में अंचल अधिकारी मुख्य दोषी हैं। इसके बावजूद अंचल अधिकारी राकेश रोशन खोलखो के ऊपर एफआईआर दर्ज नहीं होना चिंता का विषय है। इससे स्पष्ट होता है कि नीचे से लेकर ऊपर तक इन लकड़ी मुखियाओं को संरक्षण प्राप्त है। लेकिन सिसई प्रखंड वासी अब चुप नहीं बैठने वाले हैं।
इन भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ आगामी 10 सितंबर को सिसई ब्लॉक को घेरा करने का निर्णय लिया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी आम जनों से इस कार्यक्रम में भाग लेने का अनुरोध किया है। इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए रामचरित्र सिंह ने कहा अफसर शाही राज्य नहीं चलेगा।
यहां के अफसर अब स्थानीय रिपोर्टर को भी धमकाने का काम कर रही है। यह कतई सहन नहीं किया जाएगा। सच्चाई को दिखाना कोई गलत नहीं है, प्रेस रिपोर्टर जानता की कान और आंख होती है। इनको धमकाना बंद करें नहीं तो यहां की जनता अफसर को खदेड़ना भी जानती है।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित अध्यक्ष रामचरित्र सिंह, उपाध्यक्ष अजय सिंह, समाजसेवी संजय वर्मा, विनोदानंद पाठक, मनोज कुमार चौधरी, मुकेश ताम्रकार, अनिल कुमार यादव, दिनेश उरांव, सोमेश्वर उरांव, बजरंग बड़ाईक, राजू तत्वा, मनु उरांव, पवन बड़ाईक, मदन साहू, सुरेंद्र साहू, राधे कुमार, सूरज कुमार, अनिल बड़ाइक, संजय गोप, कृष्ण गोप, वीरेंद्र केवट, जितेंद्र उरांव, अंगनू उराव, श्रीकांत गिरी, प्रमोद सिंह, संजय पहान, विश्वजीत कुमार, विशाल चायवाला सहित सैकड़ो ग्रामीण उपस्थित थे।