बोकारो: जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक मां और उसके बेटे को पूरे 15 महीनों तक घर में बंद रखकर प्रताड़ित किया गया। आरोप है कि आरोपी ने उन्हें संपत्ति के कागजात पर जबरन हस्ताक्षर करवाने के इरादे से कैद कर रखा था। मामला बोकारो स्टील सिटी के सेक्टर-6डी इलाके के क्वार्टर नंबर 2517 का है। पुलिस ने दोनों को बेहद दयनीय हालत में मुक्त कराया है।
सूचना मिलने पर सेक्टर-6 थाना प्रभारी संगीता अपने दल के साथ मौके पर पहुंचीं। जब पुलिस ने घर का दरवाजा तोड़ा, तो भीतर का नज़ारा देखकर सभी हैरान रह गए। कमरे के अंदर मां-बेटा बंद थे। कमजोर, बीमार और मानसिक रूप से टूटे हुए। दोनों को न खाना मिल रहा था, न दवा।
थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों को झूठे बहाने से बुलाया गया था और फिर संपत्ति के दस्तावेज़ों पर साइन करवाने के लिए बंधक बना लिया गया। जब उन्होंने मना किया, तो आरोपी ने उन्हें 23 जुलाई 2024 से घर में बंद कर दिया।
पीड़ित बेटे संतोष सिंह ने पुलिस को बताया, “जिस व्यक्ति ने हमें कैद किया, उसका नाम अशोक सिंह है। वह खुद को कांग्रेस नेता बताता था। हमारे वकील नितीश टंडन ने हमारी मुलाकात उससे करवाई थी। उसने केस में मदद के नाम पर पैसे दिए और बाद में हमारे चास वाले मकान की पावर ऑफ अटॉर्नी अपने नाम कराने की कोशिश की। जब मां ने मना किया, तो उसने हमें घर में बंद कर दिया।”
संतोष ने बताया कि वे रस्सी के सहारे बैग लटकाकर राहगीरों से दवा और जरूरी सामान मंगाते थे। कई बार उन्हें कई दिनों तक खाना नहीं दिया गया।
स्थानीय लोगों को घर से अजीब आवाजें सुनाई दीं, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घर का ताला तोड़ा और मां-बेटे को बाहर निकाला। दोनों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि वे लंबे समय से कुपोषण और मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं।
जांच में पता चला कि आरोपी अशोक सिंह (सेक्टर-3, मकान नंबर 169) के खिलाफ पहले से ही कई गंभीर मामले दर्ज हैं। चिराचास थाना क्षेत्र में एफआईआर नंबर 101/2025 के तहत एक महिला ने उस पर यौन उत्पीड़न और धमकी का आरोप लगाया था। ताज़ा मामले में भी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर चास जेल भेज दिया है।
सेक्टर-6 थाना प्रभारी संगीता ने बताया, “हमने मां-बेटे के बयान दर्ज कर लिए हैं। आरोपी पर अपहरण, बंधक बनाने और प्रताड़ना की धाराओं में केस दर्ज हुआ है। अगर जरूरत पड़ी तो अन्य आरोपियों को भी जोड़ा जाएगा।”
जैसे ही यह बात सामने आई कि आरोपी खुद को कांग्रेस नेता बताता है, कांग्रेस जिला अध्यक्ष जवाहर लाल महथा ने सफाई देते हुए कहा, “अशोक सिंह नाम का व्यक्ति पार्टी का कोई पदाधिकारी नहीं है। वह हमारे संगठन या किसी ब्लॉक यूनिट से जुड़ा नहीं है। अगर उसने खुद को कांग्रेस नेता बताया, तो यह सरासर गलत है।”
उन्होंने कहा कि पार्टी इस पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग करती है और यह स्पष्ट किया कि राजनीतिक नाम का गलत इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
घटना के बाद पूरे सेक्टर-6डी इलाके में दहशत और गुस्सा फैल गया है। स्थानीय निवासी यह जानकर हैरान हैं कि इतने लंबे समय तक एक परिवार कैद में रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी।
एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया, “कभी-कभी घर से आवाजें आती थीं, लेकिन हमें लगा कोई झगड़ा चल रहा है। यह नहीं पता था कि कोई अंदर बंद है। पुलिस ने सही समय पर कार्रवाई की, नहीं तो कुछ भी हो सकता था।”
पुलिस को अब शक है कि यह पूरी संपत्ति हड़पने की साजिश थी। आरोपी ने पहले परिवार का भरोसा जीता, फिर कानूनी विवाद का फायदा उठाकर दस्तावेज़ हड़पने की कोशिश की। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या वकील नितीश टंडन भी इसमें शामिल थे या वे भी ठगी का शिकार बने।
फॉरेंसिक टीम को बुलाकर घर से मिले दस्तावेज़ों और साक्ष्यों की जांच कराई जा रही है। फिलहाल मां-बेटे को चिकित्सकीय और मानसिक सहायता दी जा रही है तथा प्रशासन ने उन्हें अस्थायी आवास भी उपलब्ध कराया है।
यह मामला सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि मानवता और नैतिकता पर गहरी चोट है। जहां एक व्यक्ति ने लालच में आकर एक परिवार को 15 महीनों तक कैद रखा। हालांकि पुलिस और जनता की सतर्कता से दोनों की जान बच गई, अब उम्मीद है कि न्यायिक प्रक्रिया के तहत आरोपी को कड़ी सजा मिलेगी और यह मामला समाज के लिए एक कड़ी चेतावनी बनेगा।
बोकारो: 15 महीने से मां-बेटे को कमरे में बंद कर बनाया बंधक, पुलिस ने कराया मुक्त














