नई दिल्ली: दिल्ली एयरपोर्ट पर मंगलवार को एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया, जब 13 साल का अफगानी लड़का चोरी-छिपे एयरक्राफ्ट के व्हील वेल में बैठकर काबुल से दिल्ली तक पहुंच गया। अधिकारियों ने लड़के को टर्मिनल 3 के प्रतिबंधित क्षेत्र में टहलते हुए देखा और तुरंत उसकी पूछताछ की। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि लड़का गलती से भारत आने वाली उड़ान में बैठ गया था, जबकि उसका असली इरादा ईरान पहुंचना था।
यात्रा का खौफनाक अनुभव
केएएम एयर की फ्लाइट संख्या आरक्यू4401 काबुल से दिल्ली पहुंचने में 94 मिनट का समय लिया। लड़का 94 मिनट तक विमान के पिछले पहिए के ऊपरी हिस्से में छिपा रहा। फ्लाइट भारतीय समयानुसार सुबह 8:46 बजे काबुल से रवाना हुई और 10:20 बजे दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर उतरी। लड़के ने बताया कि उसने काबुल एयरपोर्ट पर अन्य यात्रियों के पीछे गाड़ी चलाकर फ्लाइट में प्रवेश किया और चढ़ाई के दौरान व्हील वेल में छिप गया।
किसी भी विमान के पहिए के पास छिपकर हजारों फीट की ऊंचाई पर सफर करना लगभग मौत से मुलाकात होने जैसा है। प्लेन जब ऊपर उड़ता है, तो वहां का तापमान माइनस 50 से माइनस 60 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इतनी भीषण ठंड में कोई भी जिंदा नहीं बच सकता। इसके साथ ही, ऊंचाई बढ़ने पर ऑक्सीजन की भी बेहद कमी हो जाती है। कई बार दुनिया भर में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां लोग इस तरह से यात्रा करते समय या तो जम गए या ऑक्सीजन की कमी से उनका निधन हो गया। लेकिन इस लड़के का जिंदा बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
कानूनी कार्रवाई नहीं होगी
चूंकि यह मामला नाबालिग लड़के का है, इसलिए भारतीय अधिकारियों ने इस पर किसी कानूनी कार्रवाई से बचने का निर्णय लिया है।
सुरक्षा पर सवाल
यह घटना काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है और यह दर्शाती है कि नाबालिगों के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों तक पहुंच की निगरानी कितनी चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
इतिहास में यह दूसरा मामला
भारतीय एयरपोर्ट पर व्हील वेल में छिपकर सफर करने का यह मामला दुर्लभ है। इससे पहले 14 अक्टूबर 1996 को प्रदीप सैनी (22) और विजय सैनी (19) नामक दो भाई दिल्ली से लंदन जा रहे ब्रिटिश एयरवेज के बोइंग 747 विमान के व्हील बेस में छिप गए थे। लंदन पहुँचने पर प्रदीप तो बच गया, लेकिन विजय की मृत्यु हो गई थी।