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ब्रेकिंग : गैंगस्टर अमन साहू के गुर्गे प्रिंस खान को पुलिस ने किया एनकाउंटर, आनंदशीला आश्रम हत्याकांड में था शामिल

On: March 13, 2025 5:44 AM
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झारखंड वार्ता न्यूज

रांची: पलामू में गैंगस्टर अमन के एनकाउंटर के एक दिन बाद रांची के चान्हो में बुधवार को एक और एनकाउंटर हुआ। पुलिस ने आनंदशीला आश्रम दोहरे हत्याकांड के आरोपी प्रिंस खान को गिरफ्तार कर साक्ष्य बरामद करने के लिए जंगल ले गई थी, जहां उसने भागने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने उसके पैर में गोली मारकर उसे काबू किया। घायल प्रिंस खान को इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया है।

कैसे हुआ एनकाउंटर?

पुलिस के मुताबिक, प्रिंस खान को जब साक्ष्य बरामदगी के लिए बुढ़मू के साढ़म जंगल ले जाया गया, तो उसने चान्हो थानेदार चंदन गुप्ता की पिस्टल छीनने की कोशिश की। असफल रहने पर उसने थानेदार को धक्का देकर भागने का प्रयास किया। पुलिस ने उसे रोकने के लिए उसके पैर में गोली मारी और गिरफ्तार कर लिया।

क्या था आनंदशीला आश्रम हत्याकांड?

5 मार्च की रात रांची के आनंदशीला आश्रम में लूट के इरादे से घुसे अपराधियों ने साधु मुकेश शाह (50) और उनके साथी राजेंद्र यादव (35) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में शामिल चार अपराधियों को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि प्रिंस खान और गुलाम गौस फरार हो गए थे। बाद में गुलाम गौस ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया, लेकिन प्रिंस खान पुलिस की पकड़ से बाहर था।

क्या था प्रिंस खान का प्लान?

पुलिस के अनुसार, प्रिंस खान ने बताया था कि हत्या के दौरान उसने जो जैकेट पहना था, वह खून से सना हुआ था, जिसे वह जंगल में फेंक आया था। पुलिस जब उसे बरामदगी के लिए जंगल ले गई, तो उसने वहां पहुंचते ही पुलिस पर हमला कर भागने की कोशिश की।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच

एनकाउंटर के बाद पुलिस ने मौके से अहम साक्ष्य बरामद किए हैं। वहीं, घायल प्रिंस खान का रिम्स (RIMS) में इलाज जारी है। पुलिस अब इस मामले में और भी अपराधियों की संलिप्तता की जांच कर रही है।

Shubham Jaiswal

“मैं शुभम जायसवाल, बीते आठ वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने विभिन्न प्रतिष्ठित अखबारों और समाचार चैनलों में प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले पाँच वर्षों से मैं साप्ताहिक अखबार ‘झारखंड वार्ता’ से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ। पत्रकारिता मेरे लिए केवल पेशा नहीं बल्कि समाज और जनता के प्रति एक जिम्मेदारी है, जहाँ मेरी कलम हमेशा सच और न्याय के पक्ष में चलती है।

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