श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– पूज्य संत श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान लोगों को समझाते हुए कहा कि आज तक इस धरा धाम पर जितने भी भगवान का अवतार हुए हैं उन सभी में अवतारों में श्री कृष्ण अवतार सर्वश्रेष्ठ अवतार माना जाता है। इस अवतार में श्रीकृष्ण भगवान ने सभी कलाओं का प्रदर्शन किया है। इस अवतार में धर्म का रक्षा किए हैं तथा दुष्टों का संघार किये हैं। उन्होंने बताया कि कृष्ण का नाम लेने से बड़ी से बड़ी विपत्ति टल जाती है।संत महात्मा भी इन्हीं का अनेक रूपों में आराधना करते रहते हैं।
इनके स्मरण से जन्म मृत्यु का बंधन समाप्त हो जाता है तथा मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। देवता लोग भी श्री कृष्ण के बाल रूप का ध्यान करके आनंद लेते हैं। तथा इन्हीं का भजन करते हैं जिन्होंने कृष्ण का भजन किया समझो उनकी नैया पार हो गई।उन्होंने कहा कि सभी देवताओं में भगवान कृष्ण अपने भक्तों की समस्या का समाधान करने सबसे पहले आ जाते हैं।
जिस रूप में भी इनका स्मरण किया जाए उसी रूप में मौजूद हो जाते हैं। आदि अनादि काल से भक्तों द्वारा संत महात्मा द्वारा उनके बाल रूप की पूजा की जाती है। ध्यान किया जाता है।कृष्ण नाम जप का अर्थ है, आध्यात्मिक शक्ति के साथ नाम का जप करना। इसलिए इस मंत्र का उच्चारण करने से हम अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित होते हैं।
मंत्र जपने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ है, यह हमें ईश्वर की प्राप्ति और ईश्वर के प्रति शुद्ध प्रेम की ओर ले जाता है। हम भौतिक चीज़ों के खोने से डरने लगते हैं और इस डर को जीने के बीच हम अपना असली स्वरूप खो देते हैं। हरे कृष्ण मंत्र का जाप हमें अपने वास्तविक स्वरूप से जुड़ने में मदद करता है। हम अपने वास्तविक सपनों, भय को साकार करने में सक्षम हैं।
ओम
श्री कृष्णः शरणम नमः : यह मंत्र प्रिय भगवान कृष्ण का आह्वान है जहां आप उनसे प्रार्थना करते हैं कि वे आपको अपनी शरण में ले लें, अपने आप को अत्यंत भक्ति के साथ उनके प्रति समर्पित कर दें। ऐसा कहा जाता है कि यह मंत्र आपके जीवन और मन से सभी दुखों और कष्टों को दूर कर आपको शांति प्रदान करता है।