रांची: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत घाटशिला प्रखंड के हेंदलजुड़ी पंचायत में 172 मुस्लिम महिलाओं ने फर्जी तरीके से इस योजना का लाभ लिया है। हैरानी की बात यह है कि ये महिलाएं झारखंड की निवासी भी नहीं हैं। बिहार के किशनगंज और पश्चिमी बंगाल के उत्तर दिनाजपुर की इन लाभुकों के खिलाफ प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उपायुक्त के आदेश पर प्रखंड विकास अधिकारी ने पंचायत सचिव को इनके खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। पंचायत सचिव ने बुधवार को गालूडीह थाने में सभी 172 महिलाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
दर्ज मामले के मुताबिक, हेंदलजुड़ी पंचायत के छोलगोड़ा गांव में फर्जी तरीके से मंईयां सम्मान योजना में लाभुकों का नाम शामिल किया गया है। लाभुकों में बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज थाने के विभिन्न गांवों की 40 मुस्लिम महिला एवं पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा थाने के विभिन्न गांवों के 132 मुस्लिम महिलाएं शामिल हैं। इन महिलाओं ने धोखाधड़ी कर इस योजना का लाभ उठा ली। जांच में फर्जीवाड़ा की पुष्टि के साथ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की गई है। हालांकि दर्ज शिकायत में राशि का उल्लेख नहीं किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, इन महिलाओं के बैंक खाते में पहली किस्त भेजी गई थी। प्रथम किस्त 2,500 रुपये के तहत 9 लाख 57 हजार रुपये भेजे गए। 9 मई को मामला प्रकाश में आने के बाद इसके जांच के आदेश दिए गए थे। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने घाटशिला की प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) यूनिका शर्मा को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। हेंदलजुड़ी पंचायत में आठ गांव हैं, पर किसी गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है। बावजूद पंचायत के छोलगोड़ा गांव की 172 मुस्लिम महिलाओं के नाम न सिर्फ मंईयां सम्मान योजना में शामिल किया गया, बल्कि उनके खाते में इसकी पहली किस्त भेज दी गई है। जांच में यह पता चला कि सभी लाभुकों के राशन कार्ड पर एक ही नंबर अंकित है। बावजूद इसे स्वीकृत किया किया गया था।