कैश फॉर क्वेरी:सांसद निशिकांत का एमपी अधीर रंजन पर गंभीर आरोप, एथिक्स कमेटी का रिपोर्ट किया लीक..!
एजेंसी: संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होते सांसद महुआ मोइत्रा के कथित कैश फॉर क्वेरी को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच ठन गई है।सोमवार को सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे आरोप लगाते हुए कहा, “कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ पर आचार समिति की रिपोर्ट लीक की है।”एएनआई से बात करते हुए बीजेपी सांसद ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि रिपोर्ट में क्या जिक्र है। दुबे ने कहा, “रिपोर्ट पेश होने दीजिए।मुझे नहीं पता कि रिपोर्ट में क्या कहा गया है…मुझे जो कहना था, मैंने एथिक्स कमेटी के सामने कह दिया…रिपोर्ट पेश होने के बाद ही मैं कोई टिप्पणी कर पाऊंगा। रिपोर्ट दोपहर 12 बजे के बाद पेश की जाएगी…मुझे नहीं पता कि रिपोर्ट कैसे लीक हुई, मुझे लगता है कि अधीर रंजन चौधरी ने इसे लीक किया।”कई मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो समिति ने अपनी रिपोर्ट में इसकी सिफारिश की है कि “कैश-फॉर-क्वेरी” मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा का निष्कासन हो।
वहीं दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद दानिश अली और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने रिपोर्ट का विरोध किया है। दानिश अली ने कहा कि आचार समिति की रिपोर्ट नियमों के खिलाफ है महुआ मोइत्रा का बयान अधूरा है इसलिए, हम कम से कम सदन में चर्चा की मांग कर रहे हैं। हमने अध्यक्ष को भी लिखा है कि किसी सदस्य के खिलाफ स्वत: संज्ञान की सिफारिश कैसे की जा सकती है। कोई भी नियम-कानून मानने को तैयार नहीं है।
चर्चा है कि इस मामले की जांच कर रही आचार समिति 4 दिसंबर को तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ अपनी रिपोर्ट 4 दिसंबर को पेश करने वाली है। लोकसभा के सूचीबद्ध एजेंडे में उल्लेख किया गया है कि आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर और समिति की सदस्य अपराजिता सारंगी सदन की पहली रिपोर्ट सदन के पटल पर रखेंगे।
लोकसभा आचार समिति ने पिछले महीने स्पीकर ओम बिरला को ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ मामले से संबंधित अपनी मसौदा रिपोर्ट सौंपी थी।
बताया जाता है कि कथित रूप से समिति ने मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की थी। आचार समिति, जिसने जांच की थी भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों ने 9 नवंबर को अपनी 500 पन्नों की रिपोर्ट को अपनाया, जिसमें मोइत्रा को उनके “अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक आचरण” के मद्देनजर 17 वीं लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी।
विशेष रूप से, निशिकांत दुबे ने लोकसभा को लिखा था मोइत्रा के खिलाफ स्पीकर ओम बिरला ने उन पर उपहार के बदले बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी ग्रुप को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया है।
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