नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने छात्रों के लिए एक अहम घोषणा की है। बोर्ड ने कक्षा 9 से 12 तक के सभी छात्रों के लिए APAAR ID (Automated Permanent Academic Account Registry) बनवाना अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय सीबीएसई ने “वन नेशन, वन स्टूडेंट ID” योजना के तहत लिया है। यह कदम छात्रों के लिए भविष्य में बड़ी सुविधा साबित हो सकता है, क्योंकि उनकी पूरी शैक्षणिक यात्रा अब एक यूनिक डिजिटल आईडी से जुड़ी होगी।
क्या है APAAR ID?
APAAR ID एक 12 अंकों का यूनिक डिजिटल आईडेंटिटी नंबर है। इसका उद्देश्य छात्रों की सभी शैक्षणिक जानकारी को एक जगह डिजिटल स्वरूप में सुरक्षित रखना है। इसके माध्यम से छात्रों का स्कूल रिकॉर्ड, मार्कशीट, सर्टिफिकेट और अन्य अकादमिक दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे। साथ ही यह सिस्टम डेटा के डुप्लीकेशन को भी रोकेगा।
इससे छात्रों को क्या फायदा होगा?
• सभी एकेडेमिक डॉक्यूमेंट्स एक ही जगह डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे।
• जानकारी हमेशा सही और अपडेटेड रहेगी।
• DigiLocker और Academic Bank of Credits (ABC) जैसे प्लेटफॉर्म से आसानी से लिंक किया जा सकेगा।
• छात्रों को भविष्य में पढ़ाई, स्कॉलरशिप और करियर से जुड़ी प्रक्रियाओं में सुविधा मिलेगी।
नई शिक्षा नीति और डिजिटल इंडिया विजन से जुड़ा कदम
सीबीएसई का कहना है कि यह कदम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और डिजिटल इंडिया विजन को और मजबूत बनाएगा। इससे शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ेगी और छात्रों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया जाएगा।
स्कूलों को मिले निर्देश
सीबीएसई ने सभी संबद्ध स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि—
• कक्षा 9 और 11 के रजिस्ट्रेशन से पहले छात्रों की APAAR ID बनवाना अनिवार्य है।
• कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा के लिए कैंडिडेट लिस्ट जारी करने से पहले भी छात्रों की APAAR ID तैयार हो जानी चाहिए।
• यह प्रक्रिया UDISE+ पोर्टल के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी।