नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के ‘स्वच्छता अभियान’ ने इस साल एक नया रिकॉर्ड बनाया है। प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (DAR&PG) के नेतृत्व में चलाए गए इस अभियान के तहत केंद्र सरकार ने कबाड़ (स्क्रैप) बेचकर 800 करोड़ रुपये की कमाई की है जो भारत के गौरवशाली चंद्रयान-3 मिशन के 615 करोड़ रुपये के बजट से भी अधिक है।
यह वार्षिक अभियान 2 से 31 अक्टूबर 2025 तक चला और इसे अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता प्रयास बताया जा रहा है। इस दौरान सरकारी दफ्तरों में 232 लाख वर्ग फुट ऑफिस स्पेस खाली कराया गया, जबकि 29 लाख फिजिकल फाइलें नष्ट की गईं। अभियान ने लगभग 11.58 लाख सरकारी कार्यालय स्थलों को कवर किया।
इस विशेष स्वच्छता अभियान में 84 मंत्रालयों और विभागों के साथ-साथ विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों ने भी हिस्सा लिया। पूरे अभियान की निगरानी तीन वरिष्ठ मंत्रियों- मनसुख मांडविया, के. राम मोहन नायडू और डॉ. जितेंद्र सिंह ने की।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रालयों और विभागों से स्वच्छता में उत्कृष्ट प्रदर्शन की अपील की थी, जिसके बाद पूरे देश में अभियान को व्यापक समर्थन मिला। इस प्रयास से न केवल सरकारी दफ्तरों में साफ-सफाई में सुधार हुआ बल्कि लंबित मामलों और अव्यवस्थित फाइलों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी आई।
अब तक की कुल उपलब्धि (2021–2025)
2021 से अब तक केंद्र सरकार 5 विशेष स्वच्छता अभियानों का संचालन कर चुकी है। इन अभियानों के माध्यम से: 23.62 लाख कार्यालयों को अभियान के दायरे में लाया गया, 928.84 लाख वर्ग फुट जगह खाली की गई, 166.95 लाख फाइलें छांटी या बंद की गईं, और 4,097.24 करोड़ रुपये की आय कबाड़ की बिक्री से हुई।
सरकार का कहना है कि इन अभियानों ने स्वच्छता को संस्थागत रूप देने के साथ-साथ प्रशासनिक कार्यकुशलता में भी सुधार किया है। आने वाले वर्षों में इस पहल को और विस्तारित करने की योजना है, ताकि “स्वच्छ कार्यालय, प्रभावी शासन” का लक्ष्य पूरी तरह हासिल किया जा सके।
केंद्र सरकार ने कबाड़ बेचकर कमाए 800 करोड़, चंद्रयान-3 के बजट से भी ज्यादा है ये इनकम













