सुख पूर्वक हरि का कीर्तन करो, हर्ष के साथ हरि के गुण गाओ : जीयर स्वामी

ख़बर को शेयर करें।

शुभम जायसवाल


श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– देश के महान पूज्य संत श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मी प्रपन्न जियर स्वामी जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कहा कि चित्त की उलटी चाल में मैं फँस गया था, मृगजल ने मुझे भी धोखा दिया था, पर भगवान् ने बड़ी कृपा की जो मेरी आँखें खोल दीं।तुमने मेरी गुहार सुनी, इससे मैं निर्भय हो गया हूँ। प्रभु अपने भक्त को दुःखी नहीं करते, अपने दास की चिन्ता अपने ही ऊपर उठा लेते हैं। सुख पूर्वक हरि का कीर्तन करो, हर्ष के साथ हरि के गुण गाओ। कलिकाल से मत डरो, कलिकाल का निवारण तो सुदर्शनचक्र आप ही कर लेगा। भगवान् अपने भक्तों को कभी छोड़ते ही नहीं। हरि का नाम ही बीज है और हरि का नाम ही फल है । यही सारा पुण्य और सारा धर्म है। सब कलाओं का यही सार मर्म है। निर्लज्ज नामसंङ् कीर्तन में सब रसोंका आनन्द एक साथ आता है।सब तीर्थों की मुकुट मणि यह हरिकथा है।

यह ऊर्ध्ववाहिनी परमामृत की धारा भगवान्‌ के सामने बहती रहती है। भगवान्पर इस सुधाधारा का अभिषेक होता रहता है।संतों का मुख्य कार्य जीवों को मोह-मायाकी निद्रासे जगा देना होता है स्वयं जगे रहते हैं, दूसरों को जगा देते हैं, जीवों को अभय दान देते हैं और उनका दैन्य नष्ट कर उन्हें स्वानन्द साम्राज्यपद पर आरूढ़ करते हैं ।संतों के उपकार माता-पिता के उपकार से भी अधिक हैं। सब छोटी-बड़ी नदियाँ जिस प्रकार अपने नाम-रूपों के साथ जाकर समुद्र में ऐसी मिल जाती हैं जैसे उनका कोई अस्तित्व ही न हो, उसी प्रकार त्रिभुवन के सब सुख-दुःख संतोंके बोधमहार्णव में विलीन हो जाते हैं।खोल, खोल, आँखें खोल । बोल अभीतक क्या आँख नहीं खुली ? अरे, अपनी माताकी कोखसे क्या तू पत्थर पैदा हुआ ? तैंने जो यह नर-तनु पाया है, यह बड़ी भारी निधि है, जिस विधिसे कर सके इसे सार्थक कर।

संत तुझे जगाकर पार उतर जायँगे, तू भी पार उतरना चाहे।भक्त समागम से सब भाव हरि के हो जाते हैं, सब काम बिना बताये हरि ही करते हैं। हृदयसम्पुट में समाये रहते हैं और बाहर छोटी-सी मूर्ति बनकर सामने आते हैं।श्रीहरि सब भूतों में रम रहे हैं, जल, थल, काठ, पत्थर सबमें विराज रहे हैं; पृथ्वी, जल, अग्नि, समीर, गगन-इन पञ्च महाभूतोंको और स्थावर-जङ्गम सब पदार्थोंको व्यापे हुए हैं। उनके सिवा ब्रह्माण्ड में दूसरी कोई वस्तु ही नहीं, यही शास्त्र – सिद्धान्त है और यही संतोंका अनुभव है। मनुष्य किसी भी वर्ण या जाति में पैदा हुआ हो वह यदि सदाचारी और भगवद्भक्त है तो वही सबके लिये वन्दनीय और श्रेष्ठ है। कसौटी जाति नहीं है, कसौटी है साधुता-भगवद्भक्ति।

मैं अपना दोष और अपराध कहाँ तक कहूँ ? मेरी दयामयी मैया ! मुझे अपने चरणोंमें ले ले। यह संसार अब बस हुआ। अब मेरा चिन्ता-जाल काट डालो और हे हृदयधन !

मेरे हृदय में आकर अपना आसन जमाओ।अपना चित्त शुद्ध हो तो शत्रु भी मित्र हो जाते हैं; सिंह और साँप भी अपना हिंसाभाव भूल जाते हैं, विष अमृत हो जाता है, आघात हित होता है, दुःख सर्वसुखस्वरूप फल देनेवाला बनता है, आगकी लपट ठंडी-ठंडी हवा हो जाती है । जिसका चित्त शुद्ध है, उसको सब जीव अपने जीवनके समान प्यार करते हैं । कारण, सबके अन्तरमें एक ही भाव है ।आघात करनेवाला लोहा भी पारस के स्पर्शमात्र से सोना हो जाता है। दुष्टजन भी संतों के स्पर्श में आकर संत बन जाते हैं।जो कोई नारायण का प्रिय हो गया, उसका उत्तम या कनिष्ठ वर्ण क्या? चारों वर्णों का यह अधिकार है, उसे नमस्कार करने में कोई दोष नहीं।

Video thumbnail
कुख्यात अमन का अंतिम संस्कार पिता बोले पुलिस जेल प्रशासन के कारण जुर्म न छोड़ा फर्जी मुठभेड़ CBIजांच
02:06
Video thumbnail
अफवाह और नफरत फैलाने वालों की अब खैर नहीं, गढ़वा पुलिस ने आरोपी को भेजा जेल!
03:20
Video thumbnail
पुलिस ने जंगल में छापेमारी कर 1000 किलो जावा महुआ एवं उपकरण को किया विनष्ट
02:02
Video thumbnail
गोविंदपुर नाई समाज का भव्य होली मिलन समारोह,खूब उड़े रंग गुलाल,इस बार धूमधाम से होली मनाने का निर्णय
01:03
Video thumbnail
पालकोट थाना परिसर में होली, ईद और सरहुल को लेकर हुई शांति समिति की बैठक
04:10
Video thumbnail
19 एवं 20 मार्च को होगा राजकीय श्री बंशीधर महोत्सव, DC एवं SP ने लिया तैयारियों का जायजा
04:32
Video thumbnail
पाकिस्तानी सेना ने हाइजैक ट्रेन से छुड़ाए 104 बंधक, 36 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत
02:31
Video thumbnail
पंपापुर इंटर महाविद्यालय , पालकोट के मुख्य गेट मे ताला बंद कर शैक्षणिक हड़ताल को बनाया सफल
02:59
Video thumbnail
विधानसभा में गूंजी सगमा की बिजली समस्या, विधायक अनंत प्रताप देव ने सब-स्टेशन की मांग उठाई
00:58
Video thumbnail
अमन साहू के अंत पर सियासी घमासान! पूर्व CM चंपई ने मांगी CBI जांच, पूर्व मंत्री मिथिलेश का बड़ा बयान
04:58
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Related Articles

- Advertisement -

Latest Articles