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उत्तर प्रदेश: यूपी के संभल में शाही मस्जिद या हरिहर मंदिर! सर्वे करने गई टीम का विरोध उपद्रवियों ने किया और भारी हिंसा फैलाई कई गाड़ियों को फूंक दिया। इस हिंसक घटना में चार लोगों की मौत हुई है। मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है जिसमें दो की मौत 315 गोली लगने से हुई है जो कि पुलिस नहीं चलती है और एक मृतक के पास से हथियार बरामद हुए हैं। पुलिस ने चार मौतों की पुष्टि कर दी है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अर्ध सैनिक बलों की टुकड़िया तैनात कर दी गई है। स्कूल कॉलेज मदरसे अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं इंटरनेट भी ठप कर दी गई है। मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मामले के निष्पक्ष जांच की मांग की है और हिंसा के दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं समाजवादी पार्टी हिंसा को सरकार की साजिश बताया है। इधर यूपी प्रशासन ने क्षेत्र में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

इस घटना में CO अनुज चौधरी और SP के PRO के पैर में गोली लगी है। SP समेत 22 अन्य पुलिसकर्मी जख्मी हुये हैं। हिंसा के इल्जाम में पुलिस ने करीब 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही 400 से ज्यादा लोगों के खिलाफ FIR की गयी है। हिंसा के बाद 24 घंटे के वास्ते संभल तहसील में इंटरनेट बंद कर दिया गया। वहीं, सोमवार को सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। DM राजेंद्र पैंसिया ने आगामी एक दिसंबर तक बाहर से आने वाले लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। रासुका लगाया जायेगा।

इधर, मृतकों के परिजनों का दावा है कि पुलिस की गोली से मौत हुई है। हालांकि कमिश्नर ने कहा, ‘पुलिस फायरिंग में कोई मौत नहीं है। हमलावरों की फायरिंग में युवकों की जान गई है।’ संभल हिंसा के बाद आज यानी सुबह-सुबह पूरे शहर में फ्लैग मार्च किया गया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गयी है। शहर में एंट्री के रास्तों पर भी पुलिस तैनात है। मार्केट और दुकानें पूरी तरह बंद है।

यहां याद दिला दें कि बीते कल भोर में करीब साढ़े छह बजे DM और SP के साथ पुलिस की टीम एक धार्मिक स्थल का सर्वे करने पहुंची थी। इसी दरम्यान इलाके के कुछ लोग भड़ गये। देखते ही देखते वहां करीब दो से तीन हजार लोग इकट्ठा हो गये। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। छतों से भी पत्थर फेकें जाने लगे। पुलिस को पीछे हटना पड़ा। बवाल इतना बढ़ गया कि पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागने पड़े। हालात बाकू में नहीं आने पर पुलिस को लाठियां चटकाने के बाद फायरिंग भी करनी पड़ी।