छांगुर बाबा ने डेढ़ हजार से ज्यादा हिंदू लड़कियों को बनाया मुसलमान, दुबई तक फैला था नेटवर्क

On: July 10, 2025 11:41 AM

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बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा करते हुए यूपी एटीएस ने मुख्य सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के साथ बीते शनिवार को एटीएस ने गिरफ्तार किया था। दोनों बलरामपुर के मधपुर के रहने वाले हैं। छांगुर बाबा के खिलाफ पहले से गैर जमानती वारंट जारी था और उस पर 50,000 का इनाम घोषित था।
एटीएस को मिली जानकारी के मुताबिक इस रैकेट ने कथित तौर पर 3000 से 4000 हिंदुओं को निशाना बनाया, जिनमें से 1500 से अधिक हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण कराया गया। इनमें निसंतान, विधवा, परित्यक्ता, और मानसिक रूप से कमजोर महिलाएं शामिल थीं। वह पहले इन्हें आश्रय, चमत्कार और इलाज के नाम पर फंसाता था, फिर धीरे-धीरे इनका ब्रेनवॉश करता था और धर्म बदलने को मजबूर कर देता था। जांच में खुलासा हुआ कि छांगुर बाबा का गिरोह हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण के लिए उनकी जाति के आधार पर रेट तय करता था। ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये, पिछड़ी जाति की लड़कियों के लिए 10-12 लाख रुपये और अन्य जातियों की लड़कियों के लिए 8-10 लाख रुपये दिए जाते थे। यदि कोई लड़की विरोध करती थी, तो उसे डरा-धमकाकर या फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी देकर धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जाता था।
अब एटीएस अवैध धर्मांतरण का शिकार लोगों को चिन्हित कर रही है, हालांकि उनमें से अधिकतर छांगुर बाबा के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं हैं। छांगुर बाबा बलरामपुर आने से पहले महाराष्ट्र और दुबई में अपना नेटवर्क बना चुका था। महाराष्ट्र में भी उसने बड़ी संख्या में लोगों का अवैध तरीके से धर्मांतरण कराया है। वह मुंबई में एक दरगाह के बाहर अंगूठी बेचता था, देखते ही देखते वह अवैध धर्मांतरण के अंतरराष्ट्रीय सिंडीकेट का हिस्सा बन गया। हिंदुओं को इस्लाम धर्म में शामिल कराने में जुटीं खाड़ी देशों की कई संस्थाओं में उसकी गहरी पैठ बन गई। वहीं बलरामपुर आने के बाद उसने आसपास के जिलों में अवैध धर्मांतरण कराना शुरू कर दिया। नवीन वोहरा और नीतू रोहरा उर्फ नसरीन उसके पहले शिकार थे, जिनके माध्यम से उसने धर्मांतरण के इस नेटवर्क की नींव डाली थी। एटीएस को शक है कि छांगुर बाबा का सबसे करीबी सहयोगी मोहम्मद अहमद खान उसके फाइनेंशियल डीलिंग्स का मुख्य सूत्रधार रहा है।
एटीएस की जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा का नेटवर्क न केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित था, बल्कि इसकी जड़ें मुंबई और खाड़ी देशों, खासकर दुबई, तक फैली हुई थीं। जांच एजेंसियों के अनुसार, छांगुर बाबा ने 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की और विदेशी फंडिंग के जरिए अपने रैकेट को संचालित किया। इस नेटवर्क को 100 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग प्राप्त हुई, जिसका इस्तेमाल धर्मांतरण के लिए किया गया। गैंग ने 40 से अधिक बैंक खातों के जरिए इस राशि का लेन-देन किया। छांगुर बाबा ने विदेशी फंडिंग से न केवल धर्मांतरण का धंधा चलाया, बल्कि बलरामपुर और अन्य शहरों में आलीशान संपत्तियां भी खरीदीं। बलरामपुर के मधुपुर गांव में उसकी 40 कमरों वाली कोठी, कपड़ों का शोरूम और अन्य संपत्तियां थीं, जिनकी कीमत करोड़ों में आंकी गई है। मंगलवार और बुधवार को इस कोठी पर बुलडोजर कार्रवाई की गई। इसके अलावा, नवीन रोहरा के जरिए पुणे में 16 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी गई।
छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू रोहरा उर्फ़ नसरीन 10 जुलाई से 16 जुलाई तक एटीएस की कस्टडी रिमांड में रहेंगे। एनआईए स्पेशल कोर्ट से दोनों आरोपियों की कस्टडी रिमांड एटीएस को मिली। कस्टडी रिमांड के दौरान अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट से जुड़े लोगों और बैंक ट्रांजेक्शन पर पूछताछ होगी।