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Chhath Puja 2025: महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ आज से शुरू, जानें विधि और नियम

On: October 25, 2025 9:26 AM
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Chhath Puja 2025: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है। आज से चार दिनों तक चलने वाला यह पावन पर्व देशभर में श्रद्धा और भक्ति के माहौल में मनाया जाएगा। छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है, जिसके बाद क्रमशः खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य का विधान होता है। इस वर्ष यह पर्व 28 अक्टूबर 2025 को संपन्न होगा।

आज नहाय-खाय : शुभ योगों का अद्भुत संयोग

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस वर्ष नहाय-खाय के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं- रवि योग और शोभन योग। रवि योग का आरंभ आज सुबह से ही हो गया है। शोभन योग का संयोग पूरी रात तक रहेगा।

इन दोनों योगों में सूर्य देव की उपासना और छठी माता की साधना करने से व्रती को कई गुना पुण्यफल प्राप्त होता है। माना जाता है कि इन योगों में किया गया स्नान-ध्यान और पूजा-अर्चना सभी पापों का नाश कर देती है और मनोवांछित फल प्रदान करती है।

नहाय-खाय की विधि और नियम

छठ पर्व का पहला दिन नहाय-खाय शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है। इस दिन व्रती आत्मिक और शारीरिक रूप से स्वयं को शुद्ध करते हैं।


विधि इस प्रकार है:

1. स्नान-ध्यान – व्रती गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं। यदि नदी उपलब्ध न हो, तो स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है।

2. घर और रसोई की शुद्धि – पूरे घर, विशेष रूप से रसोई और पूजा स्थल की अच्छी तरह सफाई की जाती है।

3. पूजन और संकल्प – स्नान के बाद व्रती दीपक जलाकर छठी माता और सूर्य देव का ध्यान करते हैं। इसके बाद लौकी, चना दाल और चावल का सात्विक भोजन बनाकर ग्रहण किया जाता है। यह उपवास से पहले का अंतिम भोजन होता है, जिसमें प्याज-लहसुन का प्रयोग नहीं किया जाता।

4. व्रत संकल्प मंत्र – ॐ अद्य अमुकगोत्रोऽमुकनामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वक शरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायण देव प्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठी व्रतं करिष्ये। (इस मंत्र के साथ व्रती अपने नाम और गोत्र का उच्चारण करते हुए व्रत का संकल्प लेते हैं।)

छठ पर्व का क्रम

1. पहला दिन – नहाय-खाय (25 अक्टूबर)


2. दूसरा दिन – खरना (26 अक्टूबर)


3. तीसरा दिन – संध्या अर्घ्य (27 अक्टूबर)


4. चौथा दिन – उषा अर्घ्य व पारण (28 अक्टूबर)


छठ पर्व सूर्य उपासना का सबसे पवित्र पर्व माना जाता है। इसमें व्रती सूर्य देव और छठी माता से परिवार के सुख, स्वास्थ्य, समृद्धि और संतान की दीर्घायु की कामना करते हैं।

छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा को आत्म-अनुशासन, शुद्धता और भक्ति का पर्व माना जाता है। माना जाता है कि इस व्रत से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और सेहत की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि सूर्य देव और छठी मैया की आराधना से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और भक्तों को आत्मिक शांति का अनुभव होता है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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