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रायडीह (गुमला): मंगलवार सुबह एक फिल्मी अंदाज़ में मवेशी तस्करी का पर्दाफाश हुआ, जब छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के लोदाम थाना की पुलिस ने झारखंड के गुमला जिले के रायडीह प्रखंड अंतर्गत आरंडा गांव के पास एक बोलेरो गाड़ी को रोककर तस्करी के लिए ले जाए जा रहे 5 गोवंशीय पशुओं को मुक्त कराया।

बताया जा रहा है कि लोरो घाटी (छत्तीसगढ़) से यह बोलेरो पशुओं को भरकर तस्करी के उद्देश्य से रवाना हुई थी। शक के आधार पर लोदाम थाना की पुलिस ने बोलेरो का पीछा करना शुरू किया और आरंडा गांव के पास उसे रोक लिया, जिसमें गांव के जागरूक ग्रामीणों ने अहम भूमिका निभाई।

हालांकि, मौके का फायदा उठाकर दो तस्कर भागने में सफल रहे, लेकिन एक तस्कर को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। वाहन और जब्त पशुओं को लोदाम थाना ले जाया गया है।

गौरतलब है कि इसी स्थान पर कुछ दिन पहले भी तस्करी का प्रयास किया गया था, लेकिन उस समय तस्कर वाहन लेकर भागने में सफल हो गए थे।

इस पूरी कार्रवाई में रायडीह थाना पुलिस की सुस्ती और छत्तीसगढ़ पुलिस की तत्परता ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने यह भी सवाल उठाया कि अगर बाहरी राज्य की पुलिस गुमला में घुसकर तस्कर पकड़ सकती है, तो स्थानीय पुलिस क्यों असफल हो रही है?

ग्रामीणों की सतर्कता से जहां 5 बेजुबान जानवरों की तस्करी रोकी जा सकी, वहीं इस घटना ने पुलिस-प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं।

लोदाम थाना पुलिस द्वारा आगे की कानूनी प्रक्रिया के तहत तस्कर से पूछताछ की जा रही है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है।