झारखंड वार्ता न्यूज
गढ़वा:- जिस बूढ़ा पहाड़ इलाके में कभी नक्सलियों की हुकूमत चलती थी, वहां करीब 33 साल बाद हजारों वोटर पहली बार मतदान करेंगे। जिसको लेकर चुनाव आयोग की ओर से खास तैयारी की गई है।

झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने शुक्रवार को खुद बाइक पर मीलों का सफर तय कर बूढ़ा पहाड़ पहुंचे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बूढ़ा पहाड़ में चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अपने दौरे में निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में चुनाव कराने के साथ मतदान का प्रतिशत बढ़ाने पर भी जोर दे रहे हैं।

एक तरफ झारखंड और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ को बांटने वाला बूढ़ा पहाड़ माओवादी नक्सलियों का सबसे बड़ा और सबसे सुरक्षित पनाहगाह रहा है। यहां रहने वाली तकरीबन 20 हजार की आबादी नक्सलियों का हर हुक्म मानने को मजबूर थी। सुरक्षाबलों और पुलिस की ओर से चलाए गए ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ की बदौलत पूरे 32 साल के बाद 2022 में बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से आजाद करा लिया गया। नक्सलियों को खदेड़ने के बाद 16 सितंबर, 2022 को इस पहाड़ पर पहली बार एयरफोर्स का एमआई हेलीकॉप्टर उतारा गया था और तभी एक तरह से बूढ़ा पहाड़ में नई आजादी का ऐलान हुआ था।
