एजेंसी:- चीन एक नए घातक कोरोना जैसे वायरस पर शोध कर रहा है। 3 जनवरी को बायोरेक्सिव वेबसाइट पर प्रकाशित पेपर में दावा किया गया कि चीनी सेना के प्रशिक्षित डॉक्टरों ने तथाकथित “पैंगोलिन कोरोनावायरस” का अपना वेरिएंट बनाया है। “पैंगोलिन एक स्तनधारी जीव है। यह अफ़्रीका और एशिया में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। इसे भारत में सल्लू साँप भी कहते हैं”।
आशंका है कि यह वायरस मनुष्यों को भी प्रभावित कर सकता है। इस वेरिएंट को उन्होंने चूहों के एक समूह पर यह देखने के लिए डाला कि उन पर क्या असर होता है। एक्टिवेट पैंगोलिन वायरस की डोज देने के बाद नतीजतन सभी चूहों की मौत 5 दिनों में हो गई। डॉक्टरों ने पाया कि पूरी तरह से इन्फेक्टेड होने बाद पांच दिनों के भीतर सारे चूहों का वजन काफी कम हो गया। उनकी आंखें सफेद पड़ गई और आखिरकार उनकी मौत हो गई।
वायरस का असर चूहों के मस्तिष्क, फेफड़े और आंखों में देखने को मिला। मस्तिष्क के संक्रमण को मृत्यु का कारण माना गया है। अगर कोई मनुष्य इस वायरस के संपर्क में आ गया तो उसकी जान भी खतरे में पड़ सकती है। चीन के इस नए कारनामे की खबर सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। एक बार फिर चीन पूरी दुनिया को कोरोना जैसी महामारी की चपेट में डाल सकता है। फिलहाल कोरोना वायरस के J.N-1 वेरियेंट से चीन अभी भी जूझ रहा है, स्थिति चिंताजनक है। चीन सरकार ने लोगों की कमजोर इम्यूनिटी को मौजूदा हालात का कारण बताया है।