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Cloudburst: रविवार सुबह जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बॉर्डर से सटे इलाकों में लगातार तीन जगह बादल फटा। सबसे ज्यादा नुकसान जोद घाटी इलाके में हुआ, जहां 4 लोगों की मौत हो गई और 6 लोग घायल हो गए।
जम्मू-कश्मीर की स्थिति

कठुआ जिले के जोद घाटी, मथरे चक, बगार्ड-चंगड़ा और दिलवान-हुटली क्षेत्रों में बादल फटने और भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड हुए। जोद गांव का शहर से संपर्क पूरी तरह टूट गया था। काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम गांव तक पहुंच सकी। घरों के भीतर कई फीट तक पानी और मलबा भर गया है। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कठुआ के डिप्टी एसपी राजेश शर्मा के अनुसार, 2 से 3 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और 6 लोगों के फंसे होने की आशंका है। जांगलोट समेत नेशनल हाईवे और कई सड़कों को नुकसान पहुंचा है। रेलवे ट्रैक भी बाधित हो गया है, जिससे यातायात प्रभावित है।

यह घटना बीते तीन दिनों में दूसरी बार हुई है। इससे पहले 14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चसोटी गांव में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ था।

हिमाचल प्रदेश की स्थिति

दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश में भी मानसून का कहर जारी है। रविवार सुबह करीब 4 बजे कुल्लू के टकोली में बादल फटने की घटना हुई। पनारसा और नगवाई क्षेत्रों में भी फ्लैश फ्लड के बाद चारों तरफ मलबा बिखरा पड़ा है। पहाड़ी इलाकों में जगह-जगह सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और कई वाहन फंस गए हैं। स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है।

राहत-बचाव अभियान जारी

प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया है। सेना, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें लगातार काम कर रही हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में बारिश और भूस्खलन की वजह से हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।