रांची: राजधानी रांची के खेलगांव स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में शुक्रवार को ईस्ट टेक सिम्पोजियम–2025 (Defence Expo) का भव्य उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम में देशभर से रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, अधिकारी, उद्योग जगत के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल संतोष गंगवार भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, खासकर यूरेनियम के मामले में। उन्होंने कहा कि राज्य की यह संपदा देश की परमाणु शक्ति और रक्षा क्षमता को और मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है।
सोरेन ने भरोसा दिलाया कि झारखंड सरकार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के साथ पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “झारखंड रक्षा उत्पादन का हब बन सकता है। राज्य सरकार इस दिशा में उद्योगों को बढ़ावा देने और अनुकूल माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में युद्ध के नए आयाम—जैसे अंतरिक्ष और साइबर युद्ध—के लिए ठोस रणनीति और अत्याधुनिक उपकरणों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अनुसंधान एवं विकास (R&D) को आधुनिक तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल समाधानों से जोड़ना बेहद जरूरी हो गया है।
जनरल चौहान ने यह भी कहा कि भारत ने रक्षा उपकरणों के स्वदेशीकरण की दिशा में भले ही देर से कदम बढ़ाए हों, लेकिन अब यह सही दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसे लक्ष्यों को हासिल करने में झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की सक्रिय भागीदारी अहम होगी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध केवल विज्ञान नहीं, बल्कि एक कला भी है। इसलिए आधुनिक समय के सैनिकों को तकनीकी दक्षता के साथ-साथ रचनात्मक सोच भी रखनी होगी।
ईस्ट टेक सिम्पोजियम का आयोजन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और अन्य साझेदार संस्थाओं के सहयोग से किया गया है। इस प्रदर्शनी में अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों, रक्षा तकनीकों और नवाचारों का प्रदर्शन किया जा रहा है।