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रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पारंपरिक श्राद्ध कर्म की तैयारियां अपने चरम पर हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को स्वयं ई-रिक्शा चलाकर श्राद्ध कर्म के आयोजन स्थल का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया।


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले 10 दिनों से अपने पैतृक गांव नेमरा में रहकर पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार अपने पिता के श्राद्ध कर्म का पालन कर रहे हैं। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से हर पंडाल में जाकर आयोजन की तैयारियों और व्यवस्थाओं की बारीकी से निगरानी की।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि आयोजन में शामिल होने वाले लोगों के लिए सुरक्षा, साफ-सफाई, पर्याप्त पेयजल, पार्किंग, टेंट, बैठने की व्यवस्था और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का पूरा प्रबंध सुनिश्चित किया जाए। साथ ही यातायात व्यवस्था इस प्रकार बनाई जाए किसी को भी असुविधा का सामना न करें। इस अवसर पर उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न विभागों के पदाधिकारी और नेमरा गांव के लोग मौजूद रहे।

श्राद्ध कर्म स्थल पर पार्किंग व्यवस्था के पीछे बायो-टॉयलेट की सुविधा दी गई है, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। पैदल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मार्ग पर छायादार शेड, विश्राम स्थल और धूप एवं बारिश से बचाव के लिए अलग पगोडा तैयार किए गए हैं। भोजन व्यवस्था के लिए तीन बड़े पंडाल बनाए गए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोग एक साथ बैठकर भोजन कर सकेंगे। यहां श्रद्धालुओं को स्थानीय व्यंजनों के साथ पारंपरिक प्रसाद भी परोसा जाएगा। स्वच्छता और सुचारू सेवा सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवक और रसोइयों की टीमें तैनात की गई हैं।

सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण को लेकर भी विशेष प्रबंध किए गए हैं। धूमकुड़िया में पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था में 10 आईपीएस अधिकारी, 60 डीएसपी, 65 इंस्पेक्टर और लगभग 2,500 से अधिक पुलिस जवान तैनात रहेंगे। जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है और यातायात प्रबंधन, आपातकालीन सेवाओं और भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस, प्रशासन और स्वयंसेवकों की टीमें लगातार 24 घंटे सक्रिय रहेंगी।

श्राद्ध कर्म के अवसर पर गुरुजी के जीवन संघर्ष, उनके राजनीतिक योगदान, आदिवासी समाज के उत्थान में भूमिका और जनसेवा की अमूल्य मिसाल को प्रदर्शित करने के लिए विशेष प्रदर्शनी और स्मृति दीर्घा भी तैयार की जा रही है। इस प्रदर्शनी में गुरुजी के जीवन से जुड़ी दुर्लभ तस्वीरें, ऐतिहासिक दस्तावेज़ और उनके कार्यकाल की उपलब्धियां प्रदर्शित की जाएंगी।

प्रशासन और आयोजन समिति का उद्देश्य है कि श्रद्धालु न केवल श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें, बल्कि गुरुजी के प्रेरणादायक जीवन और समाजसेवा की कहानियों से भी लाभान्वित हों। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग जुटने की उम्मीद है, इसलिए सुरक्षा और सुविधा के हर पहलू को विशेष ध्यान में रखा गया है।

बता दें कि 4 अगस्त को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री सह राज्यसभा के सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन हो गया था, 5 अगस्त को उनके बेटे, राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा उन्हें उनके पैतृक गांव नेमरा में मुखाग्नि दी गई थी। इसके बाद से लगातार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी सहित परिवार की अन्य सदस्यों के साथ पिता दिशोम गुरु के अंतिम संस्कार के बाद की सारी श्राद्ध कर्म का परंपरागत तरीके से निर्वहन कर रहे हैं। 16 अगस्त को शिबु सोरेन का श्राद्ध भोज का आयोजन होगा। जिसने 2 लाख के करीब लोगों के पहुंचेंगे, इसके साथ ही वीवीआईपी अतिथियों के लिए हैलीपेड बनाए गए, जबकि सुरक्षा में आईपीएस अधिकारी, डीएसपी , इंस्पेक्टर, दारोगा के साथ-साथ बड़ी संख्या में जवान तैनात रहेंगे।