लातेहार: महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय अंतर्गत स्थित दुर्गाबाड़ी मंदिर परिसर में भक्ति कुंज सेवा समिति के द्वारा सात दिवसीय श्री राम कथा ज्ञान यज्ञ कार्यक्रम का समापन किया गया। श्री राम कथा ज्ञान महायज्ञ के समापन समारोह में कथावाचक राष्ट्रीय संत जगदीश आनंद महाराज ने कही।
प्रभु राम हमारे आचरण और हमारे उत्तम विचार में अवश्य विराजमान होने चाहिए। यही उनकी सबसे बड़ी भक्ति है। उन्होंने आदर्श राजा, उत्कृष्ट भाई, श्रेष्ठ पुत्र, महान मित्र की भूमिका एक साथ निभाई तथा एक मानक स्थापित किया।
उन्होंने कहा कि प्रभु राम के नाम मात्र से रावण जैसे अत्याचारी का अंत हो जाता है और अंदर के सारे क्लेश पाप और कुविचार समाप्त हो जाते हैं। मन के रावण का अंत करें, स्वत: प्रभु राम की भक्ति मिल जाएगी। अन्याय पर न्याय की जीत के लिए प्रभु श्री राम ने विकट समुद्र को पार कर यह साबित कर दिया कि अन्याय और अत्याचार का हर समय विरोध करना ही मनुष्य का नैतिक कर्तव्य है। इस कार्यक्रम के कारण माहौल भक्तिमय हो गया। कथावाचक ने कहा कि सत्संग के माध्यम से ही हम ईश्वर के करीब पहुंचते हैं। उन्होंने भगवान श्रीराम की मार्मिक कथाओं का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम थे।
मौके पर आयोजक कर्ता भक्ति कुंज सेवा समिति महुआडाड़ ब्रज मोहन जयसवाल,अनिल गुप्ता, प्रेम यादव ,देवेंद्र सिंह ,राजेश प्रसाद,बाबूलालठाकुर,दीपनारायण जयसवाल, सुशांत प्रसाद भैया आनंदनाथ साह समेत बड़ी संख्या में महिला व पुरुष मौजूद थे।