चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सल हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार की देर रात चाईबासा के मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा जंगल में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में घायल सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल महेंद्र लस्कर ने इलाज के दौरान वीरगति प्राप्त कर ली। वे असम के नौगांव जिले के रहने वाले थे।
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की रात नक्सलियों ने प्रतिरोध सप्ताह के दौरान सुरक्षा बलों पर हमला बोला था। इस आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ 60 बटालियन के तीन जवान घायल हुए थे, जिनमें इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा और सब-इंस्पेक्टर रामचंद्र गोगी गंभीर रूप से जख्मी हैं। दोनों का इलाज उड़ीसा के राउरकेला अस्पताल में चल रहा है।
शहीद महेंद्र लश्कर का पार्थिव शरीर रांची लाया जा रहा है, जहां पोस्टमार्टम के बाद सीआरपीएफ कैंप में उन्हें अंतिम सलामी दी जाएगी। पुलिस मुख्यालय ने उनके शहीद होने की आधिकारिक पुष्टि की है।
चाईबासा एसपी अमित रेणू ने बताया कि सारंडा में सुरक्षा बलों द्वारा नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा था, तभी दो आईईडी धमाके हुए। इस हमले से स्पष्ट है कि नक्सली अब भी घने जंगलों में सक्रिय हैं और सुरक्षा बलों को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मार्च 2025 से अब तक सारंडा इलाके में हुए आईईडी धमाकों में तीन जवान शहीद हो चुके हैं, जबकि नौ अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। लगातार हो रहे इन विस्फोटों से यह साफ है कि नक्सलियों के खिलाफ जारी अभियान को और अधिक रणनीतिक और तकनीकी रूप से मजबूत करने की जरूरत है।
चाईबासा: आईईडी ब्लास्ट में CRPF के हेड कांस्टेबल शहीद, इंस्पेक्टर सहित दो की हालत गंभीर













