झारखंड वार्ता न्यूज़
महुआडांड (लातेहार):- ओरसापाठ पंचायत के ग्रामीणों की बहुप्रतीक्षित मांग “हामी से ओरसापाठ तक पथ निर्माण” पूरा होने को लेकर ओरसापाठ पंचायत स्थित ग्राम चीरोपाठ में शनिवार को ओरसा रोड निर्माण संघर्ष समिति के द्वारा अभिनंदन सह सम्मान समारोह आयोजित कर लोकप्रिय विधायक रामचंद्र सिंह का लोगों ने जोरदार स्वागत करते हुए सम्मानित किया। मौके पर विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि पूर्व मे इसी पथ निर्माण कार्य को लेकर निजी फायदे के लिए सड़क निर्माण कार्य कर रहे कुछ लोगों पर एफआईआर तक दर्ज कराया गया था। यह पथ इस पूरे क्षेत्र का लाइफ लाईन है। इस पथ के बनने मे काफी अड़चने आ रही थी। पर लोगों के हित को देखते हुए मैंने पूरी ताकत के साथ आ रही समस्याओं का निदान करते हुए सडक निर्माण का कार्य प्रारंभ कराया। जो शीघ्र ही बन कर संपन्न हो जायेगी। रामचंद्र सिंह ने आगे भी इस क्षेत्र के समस्याओं को यथाशीघ्र दूर करने का आश्वासन दिया।


मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए ओरसा पंचायत की मुखिया अमृता देवी ने कहा कि विधायक जी का काफी सहयोग मिला। इसके लिए हम जनता विधायक जी का दिल से आभार व्यक्त करते है। साथ ही आशा करते है कि आगे भी इस क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करें। सत्येंद्र जायसवाल ने कहा कि हामी से ओरसापाठ तक पथ निर्माण को लेकर ओरसा रोड निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले हमे बहुत संघर्ष करना पड़ा, कई बार रोड़ जाम करना पड़ा। पर लोकप्रिय विधायक जी का हमें भरपूर सहयोग मिला इसी कारण यह रोड बन पाया। मौके पर सत्येंद्र जायसवाल ने क्षेत्र की समस्याओं यथा बिजली, पथ निर्माण, पेयजल की सुविधा आदि दिशा में भी पहल करने का अनुरोध किया जिससे वहां के लोग लाभान्वित हो सके। अभिनंदन सह सम्मान समारोह में उपस्थित लोगों के बीच विधायक रामचंद्र सिंह ने अपने कोटे से 300 कंबल का वितरण भी किया।

इससे पूर्व हामी से ओरसापाठ तक पथ निर्माण कराने को लेकर ओरसा रोड निर्माण संघर्ष समिति के सदस्य सह मुखिया अमृता देवी एवं सत्येंद्र जायसवाल ने लोकप्रिय विधायक रामचंद्र सिंह को गुलदस्ता एवं शाॅल देकर सम्मानित किये एवं आभार प्रकट किया। इससे पूर्व चीरोपाठ पहुंचने पर विधायक रामचंद्र सिंह का स्थानीय लोगों ने स्वागत गान के साथ माल्यार्पण कर जोरदार स्वागत किया एवं आदिवासियों के रीति-रिवाज के अनुरूप सखुआ पत्ता का टोपी बनाकर पहनाये। मंच का संचालन राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि अजित पाल कुजूर ने किया।
